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पद किसे कहते हैं? पद-परिचय क्या होता है जानिए ..

पद परिचय का अर्थ है वाक्य में प्रयुक्त पदों का व्याकरणिक परिचय देना। संज्ञा पद परिचय किसे कहते है? वाक्य में उपस्थित संज्ञा पदों का Pad parichay करते समय संज्ञा, संज्ञा के भेद, लिंग, वचन, कारक तथा क्रिया के साथ उसका संबंध बतलाना आवश्यक होता है।

पद-परिचय क्या होता है?

जब कोई शब्द वाक्य में प्रयुक्त होता है, तो उसका पूर्ण व्याकरणिक परिचय ही पद-परिचय कहलाता है।

उदाहरण-राम पत्र पढ़ना – शब्द हैं। राम पत्र पढ़ता है। राम ने पत्र पढ़ा-इन दोनों वाक्यों में अलग-अलग ढंग से प्रयुक्त होकर राम पत्र और पढ़ता है पद बन गए हैं। पद-परिचय- वाक्य में प्रयुक्त पदों का विस्तृत व्याकरणिक परिचय देना ही पद-परिचय कहलाता है

पद किसे कहते हैं?

वाक्य में अनेक पद होते हैं। प्रत्येक पद का अपना अलग-अलग व्यक्तिगत एवं व्याकरणिक स्वरूप होता है। उदाहरण के रूप में ‘लड़का’ एक शब्द है। जब इसे हम इस तरह ‘वह एक लड़का है’ वाक्य के रूप में लिखते हैं सो वाक्य का प्रत्येक शब्द पद कहलाने लगता है।

समझिए –

  1. धोबी घाट पर कपड़े धोता है।
  2. वाह! क्या चाल चली है।
  3. रोहन दिल्ली जाता है।
  4. मैं स्कूल जा रहा हूँ, तुम खेल रहे हो।।
  5. मुनि वन में रहते हैं।

पद परिचय कितने प्रकार के होते है? 

प्रयोग के आधार पर पद परिचय आठ प्रकार के होते हैं-

  1. संज्ञा
  2. सर्वनाम
  3. विशेषण
  4. अव्यय
  5. क्रिया विशेषण 
  6. क्रिया
  7. संबंधबोधक 
  8. समुच्चयबोधक

तो चलिए अब इन सभी के बारे में एक एक करके विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं।

उपर्युक्त वाक्यों में आए शब्द ही पद हैं। पदों का परिचय संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, क्रियाविशेषण, संबंधबोधक, समुच्चबोधक एवं विस्मयादिबोधक अव्यय के आधार पर दिया जाता है।

संज्ञा शब्द का पद परिचय

वाक्य में उपस्थित संज्ञा पदों का पद परिचय करते समय उस शब्द में संज्ञा, संज्ञा के भेद को बताना होता है तथा साथ ही संज्ञा का लिंगवचनकारक तथा क्रिया के साथ संबंध बताना होता है।

उदाहरण- लंका में राम ने बाणों से रावण को मारा।
इस वाक्य में ‘लंका’, ‘राम’, ‘बाणों’, और ‘रावण’ चार संज्ञा पद हैं।
इन संज्ञा पदों का पद परिचय इस प्रकार होगा:
लंका : संज्ञा, व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक।
राम : संज्ञा, व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक।
बाणों : संज्ञा, जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, बहुवचन, करण कारक।
रावण : संज्ञा, व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक।

सर्वनाम शब्द का पद परिचय

सर्वनाम शब्द का पद परिचय बताने के लिए सबसे पहले कौनसा सर्वनाम है, सर्वनाम का प्रकार पुरुष के साथ यह बताते हैं और फिर वचन, लिंग, कारक और वाक्य के अन्य पदों से संबंधों को दिखाना होता है।

उदाहरण- जिसे आप लोगों ने खाने पर बुलाया है, उसे अपने घर जाने दीजिए।
इस वाक्य में ‘जिसे’, ‘आप लोगों ने’, ‘उसे’ और ‘अपने’ पद सर्वनाम हैं। इसका पद परिचय इस प्रकार होगा।
जिसे : अन्य पुरुष, सर्वनाम, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक।
आप लोगों ने : पुरुषवाचक सर्वनाम, मध्यम पुरुष, पुल्लिंग, बहुवचन, कर्ता कारक।
उसे : अन्य पुरुष, सर्वनाम, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक।
अपने : निजवाचक सर्वनाम, मध्यम पुरुष, पुल्लिंग, एकवचन, संबंध कारक।

विशेषण शब्द का पद परिचय

विशेषण का पद परिचय करते समय विशेषण, विशेषण के भेद, अवस्था, लिंग, वचन और विशेष्य व उसके साथ संबंध आदि को बताना चाहिए , विशेषण का लिंग कौन सा है, उसका वचन, विशेष्य के अनुसार होता है।

उदाहरण- ये तीन मूर्तियां बहुत क़ीमती हैं।
उपर्युक्त वाक्य में ‘तीन’ ,’बहुत’ और ‘क़ीमती’ विशेषण हैं। इन दोनों विशेषणों का पद परिचय निम्नलिखित है-
तीन : संख्यावाचक विशेषण, पुल्लिंग, बहुवचन, इस विशेषण का विशेष्य ‘मूर्तियां’ हैं।
बहुत : संख्यावाचक,स्त्रीलिंग, बहुवचन।
क़ीमती : गुणवाचक विशेषण, पुल्लिंग, बहुवचन।

विस्मयादिबोधक अव्यय का पद परिचय

विस्मयादिबोधक अव्यय का पद परिचय बताने के लिए वाक्य में अव्यय, अव्यय का भेद और उससे संबंधित पद को बताना होता है।

उदाहरण 1-  वे प्रतिदिन जाते हैं।
वाक्य में ‘प्रतिदिन’ अव्यय है।
प्रतिदिन : कालवाचक अव्यय
जाना : क्रिया का विशेषण

क्रिया विशेषण का पद परिचय

क्रिया विशेषण का पद परिचय बताने के लिए क्रियाविशेषण का प्रकार और उस क्रिया पद के बारे में बताना होता हैं, जिस क्रियापद की विशेषता बताने के लिए क्रिया विशेषण का प्रयोग हुआ है।

उदाहरण1- लड़की उछल कूद कर रही हैं।
इस वाक्य में ‘उछल कूद’ क्रियाविशेषण है।
उछल कूद  : रीतिवाचक क्रियाविशेषण क्योंकि ‘कर रही है’ क्रिया की विशेषता बता रहा है।

क्रिया शब्द का पद परिचय

क्रिया के पद परिचय में क्रिया का प्रकार, वाच्य, काल, लिंग, वचन, पुरुष, और क्रिया से संबंधित शब्द को बताना होता है।

उदाहरण 1- मोहन ने सोहन को मारा।
मारा : क्रिया, सकर्मक, पुल्लिंग, एकवचन, कर्तृवाच्य, भूतकाल। ‘मारा’ क्रिया का कर्ता मोहन तथा कर्म सोहन है।

संबंधबोधक का पदपरिचय

संबंधबोधक का पद परिचय में संबंधबोधक का भेद और संज्ञा या सर्वनाम से संबंधित शब्द को बताना होता है।

उदाहरण 1- पेड़ के नीचे चिड़िया बैठी है।
के नीचे : संबंधबोधक, पेड़ और चिड़िया इसके संबंधी शब्द हैं।

समुच्चयबोधक का पदपरिचय

समुच्चयबोधक के पद परिचय में समुच्चयबोधक का भेद और समुच्चयबोधक से संबंधित योजित शब्द को बताना होता है।

उदाहरण – दिल्ली अथवा कोटा में पढ़ना ठीक है।
इस वाक्य में ‘अथवा’ समुच्चयबोधक शब्द है।
अथवा : विभाजक समुच्चयबोधक अव्यय है तथा ‘कोटा’ और दिल्ली के मध्य विभाजक संबंध।

वाक्य किसे कहते हैं?

वर्णों के मेल से शब्द बनते हैं और प्रत्येक शब्द का अपना अर्थ होता है। जब हम शुद्ध भाषा का प्रयोग बोलकर या लिखकर करते हैं तो यही शब्द व्याकरण के नियमों में बँधकर एक व्यवस्थित समूह का निर्माण करते हैं, जो ‘वाक्य’ कहलाता है। जैसे- यदि हम कहें कि ‘बाग आम पेड़, तो इसका कोई अर्थ नहीं निकलता। अगर हम इसे एक वाक्य के रूप में बोलें कि ‘बाग में आम का पेड़ है’ तो इनका अर्थ स्पष्ट हो जाता है।

वाक्य की परिभाषा

सार्थक शब्दों का वह समूह जो हमारे विचारों एवं भावों को पूर्ण रूप से व्यक्त करता है, वाक्य कहलाता है।

वाक्य की विशेषताएँ

  1. वह सार्थक इकाई, जो हमारे मनोभावों को पूर्ण रूप से प्रकट करने में समर्थ होती है, वाक्य कहलाती है।
  2. वाक्य के प्रमुख अंग कर्ता और क्रिया होते हैं। अगर इसमें से एक भी न हो तो वाक्य अधूरा रहता है।
  3. सामान्य वाक्य में कर्ता, कर्म और क्रिया एक निश्चित क्रम से आते हैं जैसे- राम कार चला रहा था।

यहाँ, ‘राम’ कर्ता है ‘कार’ कर्म है ‘चला रहा था’ क्रिया है

  1. वाक्य में विशेषण क्रियाविशेषण आदि पदों का प्रयोग होने से वाक्य का विस्तार हो जाता है।

वाक्य के अंग

वाक्य के मुख्य रूप से दो अंग होते हैं

  1. उद्देश्य
  2. विधेय

1. उद्देश्य – वाक्य का वह अंग, जिसके बारे में कुछ कहा जाए, उद्देश्य कहलाता है।

2. विशेष – उद्देश्य के बारे में जो कुछ भी कहा जाए, वह विधेय कहलाता है।

उदाहरण-
(क) मेरा देश महान है।

(ख) सोहन गाना गाता है।

इन वाक्यों में ‘मेरा’ और ‘सोहन’ उद्देश्य है और ‘देश महान है’ और ‘गाना गाता है’ विधेय है।

FAQs

पद परिचय किसे कहते हैं ?

वाक्य में प्रयुक्त प्रत्येक सार्थक शब्द पद कहलाता हैं तथा उन शब्दों के व्याकरणीय परिचय को पद परिचय कहते हैं।

पद परिचय के कितने भेद होते हैं?

पद परिचय में उस शब्द के उपभेद, भेद, वचन, लिंग, कारक आदि के परिचय के साथ, वाक्य में प्रयुक्त अन्य पदों के साथ उसके संबंध का भी उल्लेख किया जाता है।

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