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सर्वनाम किसे कहते हैं? सर्वनाम की परिभाषा, सर्वनाम के भेद जानिए ..

सर्वनाम उन शब्दों को कहा जाता है, जिन शब्दों का प्रयोग संज्ञा अर्थात किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान आदि, के नाम के स्थान पर करते हैं। इसके अंतर्गत मैं, तुम, तुम्हारा, आप, आपका, इस, उस, यह, वह, हम, हमारा, आदि शब्द आते हैं।

एक सर्वनाम एक शब्द है जो एक संज्ञा के लिए खड़ा होता है, अक्सर एक ही संज्ञा को बार-बार दोहराने की आवश्यकता से बचने के लिए। संज्ञाओं की तरह, सर्वनाम लोगों, चीजों, अवधारणाओं और स्थानों को संदर्भित कर सकते हैं। अधिकांश वाक्यों में कम से कम एक संज्ञा या सर्वनाम होता है।

सर्वनाम किसे कहते हैं?

संज्ञा के स्थान पर प्रयोग में आने वाले शब्द सर्वनाम कहलाते हैं। जैसे – मैं, तुम, आप, ये, वे, वह आदि।

निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़िए और समझिए –

राम ने राहुल से कहा, “मैं शहर जा रहा हूँ। क्या तुम मेरे साथ चलोगे?”

उपर्युक्त वाक्य में ‘मैं’ का प्रयोग राम (संज्ञा) तथा ‘तुम’ का प्रयोग राहुल (संज्ञा) के स्थान पर हुआ है; अत: ‘मैं’ और ‘तुम’ सर्वनाम हैं।

सर्वनाम की अन्य परिभाषा

सब संज्ञाओं के बदले में जो नाम आए वही सर्वनाम है अर्थात सर्वनाम का अर्थ होता है सबका नाम मैं का प्रयोग सभी व्यक्ति अपने लिए करते हैं अतः में किसी एक का नाम ना होकर सबका नाम होता है

अन्य उदाहरण

  1. तुम कहाँ जा रहे हो?
  2. साधु को कुछ दे दो।
  3. ये मेरी कार है।
  4. मैं आगरा जाऊँगा।

उपर्युक्त वाक्यों में तुम, कुछ, ये और मैं सर्वनाम हैं।

सर्वनाम के भेद

सर्वनाम के 6 भेद होते हैं।

1. पुरुषवाचक सर्वनाम

जिस सर्वनाम से पुरुष अर्थात बोलने वाले या कहने वाले का बोध हो, उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे – मैंने तुम्हें इसकी किताब दी।

यहाँ ‘मैं’ कहने वाले के लिए, ‘तुम’ सुनने वाले के लिए और ‘उस’ जिसकी चर्चा हो रही है इसके लिए प्रयुक्त हुए हैं; अत: ये तीनों पुरूषवाचक सर्वनाम हैं।

पुरुषवाचक सर्वनाम के 3 भेद होते हैं

(क) उत्तम पुरुष

बोलने या लिखने वाले और स्वयं के लिए जिस सर्वनाम का प्रयोग करते है, वहां पर उत्तम पुरुष होता है।
जैसे – मैं, मैंने, मेरा, हम, हमने, हमारा, आदि ।

(ख) मध्यम पुरुष

जिसे संबोधित कर कहा या लिखा जाता है, उसे मध्यम पुरुष कहते हैं।
जैसे – तू, तुम, तुम्हारी, तूने, आप, आपके, आपने, तुझे आदि।

(ग) अन्य पुरुष

जिसके विषय में कहा या लिखा गया हो, उसे अन्य पुरुष कहते हैं।
जैसे – वह, वे, यह, ये, जो, सो, कुछ, कौन, उसे, उसका, उन्हें आदि।

2. निश्चयवाचक सर्वनाम

जिन सर्वनामों का प्रयोग निश्चित संज्ञाओं के स्थान पर किया जाता है, उन्हें निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे – यह, वह, इन्हें, उन्हें, इन, उन, ये, वे आदि।

जैसे –

(1) वह मेरी चाबी है।

(2) यह रवि की कार है।

3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम

जो सर्वनाम किसी निश्चित संज्ञा का बोध कराने में सक्षम न हो, उसे अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे कोई, कुछ, किसी आदि।
जैसे –
(1) बाहर से कोई आया है।
(2) किसी ने पत्र भेजा।
(3) तुम्हें कुछ याद है।

4. संबंधवाचक सर्वनाम

जिस सर्वनाम का प्रयोग वाक्य के सर्वनाम शब्द के लिए प्रयोग किया जाता है, उन्हें संबंधवाचक सर्वनाम कहते है;

जैसे – जो, जैसा, जिसकी आदि।

उदाहरण-

(1) जिसकी लाठी उसकी भैंस।
(2) जैसा बाप वैसा बेटा।
(3) जो सोता है सो खोता है।

5. प्रश्नवाचक सर्वनाम

जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग प्रश्न पूछने के लिए किया जाता है, वे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहलाते हैं।
जैसे – कौन, किसे, किसके, क्या आदि।

(1) कौन सो रहा है?
(2) तुम्हारी इच्छा क्या है?
(3) तुम किसके साथ रहते हो?
उपर्युक्त वाक्यों में ‘कौन, क्या, किसके’ प्रश्नवाचक सर्वनाम हैं।

6. निजवाचक सर्वनाम

जो सर्वनाम निज या अपने-आप के लिए प्रयुक्त होते हैं, वे निजवाचक सर्वनाम कहलाते हैं, जैसे- आप ही, अपने आप, स्वयं, खुद आदि। उदाहरण

(1) मैं स्वयं आ जाऊँगा।
(2) तुम खुद बात करना।
(3) वह अपने आप जाग गया।

उपर्युक्त वाक्यों में ‘स्वयं’, ‘खुद’ तथा ‘अपने आप’ निजवाचक सर्वनाम हैं।

सर्वनाम एक नजर में

1. पुरुषवाचक A. उत्तम पुरुष – में, हम/हम लोग
B. मध्यम पुरुष – तु, तुम, आप, तुम लोग, आप लोग
C. अन्य पुरुष – यह, ये, वह, ये लोग, वे लोग
2. निश्चयवाचक A. निकटवर्ती – यह, ये
B. दूरवर्ती – वह, वे
3. अनिश्चयवाचक A. प्राणी बोधक – कोई
B. वस्तु बोधक – कुछ
4. संबंधवाचक जो, सो
5. प्रश्नवाचक A. प्राणी बोधक – कौन, कौन-कौन
B. वस्तु बोधक – क्या, क्या-क्या
6. निजवाचक आप

निजवाचक ‘आप’ और पुरुषवाचक ‘आप’ में अंतर

निजवाचक ‘आप’ और पुरुषवाचक ‘आप’ के प्रयोग में कुछ भिन्नता होती है। यह भिन्नता मुख्यतः 3 प्रकार की होती है

1. पुरुषवाचक आदरसूचक ‘आप’ का बहुवचन ‘आप’ या ‘आप लोग’ होता है, किंतु निजवाचक में ‘आप’ ही दोनों वचनों में प्रयोग होता है।

जैसे –

पुरुषवाचक ‘आप’ –

(1) आप क्या बना रहे हैं?
(2) आप लोग क्या बना रहे हैं ?

निजवाचक ‘आप’ –

(1) आप भला तो जग
(2) श्रोता आप ही कहेंगे, तो कहेंगे।

2. पुरुषवाचक आदरसूचक ‘आप’ प्रायः मध्यम पुरुष और कभी-कभी अन्य पुरुष के लिए भी आता है, किंतु नववाचक ‘आप’ तीनों पुरुषों के लिए आता है।

जैसे –

(1) आप कब जागे? (मध्यम पुरुष)
(2) महात्मा गांधी भारत के राष्ट्रपिता माने जाते हैं। आप जैसा अहिंसावादी व्यक्ति पैदा नहीं हुआ। (अन्य पुरुष)

3. पुरुषवाचक आदरसूचक ‘आप’ वाक्य में अकेला ही आता है; जैसे-आप कहाँ रह रहे हैं ? किंतु निजवाचक ‘आप’ दूसरे सर्वनाम या संज्ञा के साथ आता है।
जैसे-

(1) मैं अपना काम आप ही करता हूँ।
(2) हरि आप ही उसे सड़क तक छोड़ आया।

सर्वनामों में वचन और कारक –

सर्वनाम विकारी शब्द है। वचन (एकवचन, बहुवचन) और संबंध (रा, री, रे, का, की, के) के कारण ही सर्वनाम शब्द का रूप बदलता है; जैसे मैं-मेरा, हम-हमारा, तू-तेरा, तुम-तुम्हारा आदि।

सर्वनामों में लिंग –​

1. सर्वनाम शब्दों में लिंग के कारण कोई परिवर्तन नहीं होता है। सर्वनाम शब्द स्त्री अथवा पुरुष सबके लिए समान रूप से प्रयुक्त होते हैं। अत: किसी सर्वनाम शब्द का लिंग उसके साथ प्रयुक्त क्रिया से जाना जाता है, अथवा उस शब्द से जाना जाता है जिसके स्थान पर उसका प्रयोग हुआ हो।

उदाहरणार्थ –

(1) हरीश ने मीठा खाया।
(3) तुमने मीठा खाया।
(2) रीता ने मीठा खाया।
(4) तुमने मीठा खाया।

2. सर्वनाम के संबंध रूप, विशेषण अर्थ में प्रयुक्त होते हैं इसलिए वहाँ इनका लिंग परिवर्तन विशेष्य के अनुसार हो जाता है।
जैसे – मेरा टीवी. मेरी कार, तुम्हारा वतन, तुम्हारी कुर्सी आदि।

3. संज्ञा का संबोधन कारक होता है जबकि सर्वनाम का नहीं होता; जैसे— ‘हे भगवान !’ या ‘अरे बालक !’ तो कहा जाता है किंतु ‘हे वह !’ या ‘ओ तुम !’ कहकर नहीं पुकारा जाता।

FAQs

सर्वनाम किसे कहते हैं?

सर्वनाम उन शब्दों को कहा जाता है, जिन शब्दों का प्रयोग संज्ञा अर्थात किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान आदि, के नाम के स्थान पर करते हैं। इसके अंतर्गत मैं, तुम, तुम्हारा, आप, आपका, इस, उस, यह, वह, हम, हमारा, आदि शब्द आते हैं।

सर्वनाम के कितने भेद होते है?

सर्वनाम मुख्य रूप से 6 प्रकार के होते हैं पुरुषवाचक सर्वनाम, निश्चयवाचक सर्वनाम, अनिश्चयवाचक सर्वनाम, प्रश्नवाचक सर्वनाम, संबंधवाचक सर्वनाम और निजवाचक सर्वनाम यह सभी छह प्रकार सर्वनाम के होते हैं.

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सर्वनाम किसे कहते हैं? सर्वनाम की परिभाषा, सर्वनाम के भेद जानिए ..

सर्वनाम उन शब्दों को कहा जाता है, जिन शब्दों का प्रयोग संज्ञा अर्थात किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान आदि, के नाम के स्थान पर करते हैं। इसके अंतर्गत मैं, तुम, तुम्हारा, आप, आपका, इस, उस, यह, वह, हम, हमारा, आदि शब्द आते हैं।

एक सर्वनाम एक शब्द है जो एक संज्ञा के लिए खड़ा होता है, अक्सर एक ही संज्ञा को बार-बार दोहराने की आवश्यकता से बचने के लिए। संज्ञाओं की तरह, सर्वनाम लोगों, चीजों, अवधारणाओं और स्थानों को संदर्भित कर सकते हैं। अधिकांश वाक्यों में कम से कम एक संज्ञा या सर्वनाम होता है।

सर्वनाम किसे कहते हैं?

संज्ञा के स्थान पर प्रयोग में आने वाले शब्द सर्वनाम कहलाते हैं। जैसे – मैं, तुम, आप, ये, वे, वह आदि।

निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़िए और समझिए –

राम ने राहुल से कहा, “मैं शहर जा रहा हूँ। क्या तुम मेरे साथ चलोगे?”

उपर्युक्त वाक्य में ‘मैं’ का प्रयोग राम (संज्ञा) तथा ‘तुम’ का प्रयोग राहुल (संज्ञा) के स्थान पर हुआ है; अत: ‘मैं’ और ‘तुम’ सर्वनाम हैं।

सर्वनाम की अन्य परिभाषा

सब संज्ञाओं के बदले में जो नाम आए वही सर्वनाम है अर्थात सर्वनाम का अर्थ होता है सबका नाम मैं का प्रयोग सभी व्यक्ति अपने लिए करते हैं अतः में किसी एक का नाम ना होकर सबका नाम होता है

अन्य उदाहरण

  1. तुम कहाँ जा रहे हो?
  2. साधु को कुछ दे दो।
  3. ये मेरी कार है।
  4. मैं आगरा जाऊँगा।

उपर्युक्त वाक्यों में तुम, कुछ, ये और मैं सर्वनाम हैं।

सर्वनाम के भेद

सर्वनाम के 6 भेद होते हैं।

1. पुरुषवाचक सर्वनाम

जिस सर्वनाम से पुरुष अर्थात बोलने वाले या कहने वाले का बोध हो, उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे – मैंने तुम्हें इसकी किताब दी।

यहाँ ‘मैं’ कहने वाले के लिए, ‘तुम’ सुनने वाले के लिए और ‘उस’ जिसकी चर्चा हो रही है इसके लिए प्रयुक्त हुए हैं; अत: ये तीनों पुरूषवाचक सर्वनाम हैं।

पुरुषवाचक सर्वनाम के 3 भेद होते हैं

(क) उत्तम पुरुष

बोलने या लिखने वाले और स्वयं के लिए जिस सर्वनाम का प्रयोग करते है, वहां पर उत्तम पुरुष होता है।
जैसे – मैं, मैंने, मेरा, हम, हमने, हमारा, आदि ।

(ख) मध्यम पुरुष

जिसे संबोधित कर कहा या लिखा जाता है, उसे मध्यम पुरुष कहते हैं।
जैसे – तू, तुम, तुम्हारी, तूने, आप, आपके, आपने, तुझे आदि।

(ग) अन्य पुरुष

जिसके विषय में कहा या लिखा गया हो, उसे अन्य पुरुष कहते हैं।
जैसे – वह, वे, यह, ये, जो, सो, कुछ, कौन, उसे, उसका, उन्हें आदि।

2. निश्चयवाचक सर्वनाम

जिन सर्वनामों का प्रयोग निश्चित संज्ञाओं के स्थान पर किया जाता है, उन्हें निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे – यह, वह, इन्हें, उन्हें, इन, उन, ये, वे आदि।

जैसे –

(1) वह मेरी चाबी है।

(2) यह रवि की कार है।

3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम

जो सर्वनाम किसी निश्चित संज्ञा का बोध कराने में सक्षम न हो, उसे अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे कोई, कुछ, किसी आदि।
जैसे –
(1) बाहर से कोई आया है।
(2) किसी ने पत्र भेजा।
(3) तुम्हें कुछ याद है।

4. संबंधवाचक सर्वनाम

जिस सर्वनाम का प्रयोग वाक्य के सर्वनाम शब्द के लिए प्रयोग किया जाता है, उन्हें संबंधवाचक सर्वनाम कहते है;

जैसे – जो, जैसा, जिसकी आदि।

उदाहरण-

(1) जिसकी लाठी उसकी भैंस।
(2) जैसा बाप वैसा बेटा।
(3) जो सोता है सो खोता है।

5. प्रश्नवाचक सर्वनाम

जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग प्रश्न पूछने के लिए किया जाता है, वे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहलाते हैं।
जैसे – कौन, किसे, किसके, क्या आदि।

(1) कौन सो रहा है?
(2) तुम्हारी इच्छा क्या है?
(3) तुम किसके साथ रहते हो?
उपर्युक्त वाक्यों में ‘कौन, क्या, किसके’ प्रश्नवाचक सर्वनाम हैं।

6. निजवाचक सर्वनाम

जो सर्वनाम निज या अपने-आप के लिए प्रयुक्त होते हैं, वे निजवाचक सर्वनाम कहलाते हैं, जैसे- आप ही, अपने आप, स्वयं, खुद आदि। उदाहरण

(1) मैं स्वयं आ जाऊँगा।
(2) तुम खुद बात करना।
(3) वह अपने आप जाग गया।

उपर्युक्त वाक्यों में ‘स्वयं’, ‘खुद’ तथा ‘अपने आप’ निजवाचक सर्वनाम हैं।

सर्वनाम एक नजर में

1. पुरुषवाचक A. उत्तम पुरुष – में, हम/हम लोग
B. मध्यम पुरुष – तु, तुम, आप, तुम लोग, आप लोग
C. अन्य पुरुष – यह, ये, वह, ये लोग, वे लोग
2. निश्चयवाचक A. निकटवर्ती – यह, ये
B. दूरवर्ती – वह, वे
3. अनिश्चयवाचक A. प्राणी बोधक – कोई
B. वस्तु बोधक – कुछ
4. संबंधवाचक जो, सो
5. प्रश्नवाचक A. प्राणी बोधक – कौन, कौन-कौन
B. वस्तु बोधक – क्या, क्या-क्या
6. निजवाचक आप

निजवाचक ‘आप’ और पुरुषवाचक ‘आप’ में अंतर

निजवाचक ‘आप’ और पुरुषवाचक ‘आप’ के प्रयोग में कुछ भिन्नता होती है। यह भिन्नता मुख्यतः 3 प्रकार की होती है

1. पुरुषवाचक आदरसूचक ‘आप’ का बहुवचन ‘आप’ या ‘आप लोग’ होता है, किंतु निजवाचक में ‘आप’ ही दोनों वचनों में प्रयोग होता है।

जैसे –

पुरुषवाचक ‘आप’ –

(1) आप क्या बना रहे हैं?
(2) आप लोग क्या बना रहे हैं ?

निजवाचक ‘आप’ –

(1) आप भला तो जग
(2) श्रोता आप ही कहेंगे, तो कहेंगे।

2. पुरुषवाचक आदरसूचक ‘आप’ प्रायः मध्यम पुरुष और कभी-कभी अन्य पुरुष के लिए भी आता है, किंतु नववाचक ‘आप’ तीनों पुरुषों के लिए आता है।

जैसे –

(1) आप कब जागे? (मध्यम पुरुष)
(2) महात्मा गांधी भारत के राष्ट्रपिता माने जाते हैं। आप जैसा अहिंसावादी व्यक्ति पैदा नहीं हुआ। (अन्य पुरुष)

3. पुरुषवाचक आदरसूचक ‘आप’ वाक्य में अकेला ही आता है; जैसे-आप कहाँ रह रहे हैं ? किंतु निजवाचक ‘आप’ दूसरे सर्वनाम या संज्ञा के साथ आता है।
जैसे-

(1) मैं अपना काम आप ही करता हूँ।
(2) हरि आप ही उसे सड़क तक छोड़ आया।

सर्वनामों में वचन और कारक –

सर्वनाम विकारी शब्द है। वचन (एकवचन, बहुवचन) और संबंध (रा, री, रे, का, की, के) के कारण ही सर्वनाम शब्द का रूप बदलता है; जैसे मैं-मेरा, हम-हमारा, तू-तेरा, तुम-तुम्हारा आदि।

सर्वनामों में लिंग –​

1. सर्वनाम शब्दों में लिंग के कारण कोई परिवर्तन नहीं होता है। सर्वनाम शब्द स्त्री अथवा पुरुष सबके लिए समान रूप से प्रयुक्त होते हैं। अत: किसी सर्वनाम शब्द का लिंग उसके साथ प्रयुक्त क्रिया से जाना जाता है, अथवा उस शब्द से जाना जाता है जिसके स्थान पर उसका प्रयोग हुआ हो।

उदाहरणार्थ –

(1) हरीश ने मीठा खाया।
(3) तुमने मीठा खाया।
(2) रीता ने मीठा खाया।
(4) तुमने मीठा खाया।

2. सर्वनाम के संबंध रूप, विशेषण अर्थ में प्रयुक्त होते हैं इसलिए वहाँ इनका लिंग परिवर्तन विशेष्य के अनुसार हो जाता है।
जैसे – मेरा टीवी. मेरी कार, तुम्हारा वतन, तुम्हारी कुर्सी आदि।

3. संज्ञा का संबोधन कारक होता है जबकि सर्वनाम का नहीं होता; जैसे— ‘हे भगवान !’ या ‘अरे बालक !’ तो कहा जाता है किंतु ‘हे वह !’ या ‘ओ तुम !’ कहकर नहीं पुकारा जाता।

FAQs

सर्वनाम किसे कहते हैं?

सर्वनाम उन शब्दों को कहा जाता है, जिन शब्दों का प्रयोग संज्ञा अर्थात किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान आदि, के नाम के स्थान पर करते हैं। इसके अंतर्गत मैं, तुम, तुम्हारा, आप, आपका, इस, उस, यह, वह, हम, हमारा, आदि शब्द आते हैं।

सर्वनाम के कितने भेद होते है?

सर्वनाम मुख्य रूप से 6 प्रकार के होते हैं पुरुषवाचक सर्वनाम, निश्चयवाचक सर्वनाम, अनिश्चयवाचक सर्वनाम, प्रश्नवाचक सर्वनाम, संबंधवाचक सर्वनाम और निजवाचक सर्वनाम यह सभी छह प्रकार सर्वनाम के होते हैं.

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