छत्तीसगढ़ का व्यंजन
छत्तीसगढ़ी व्यंजन छत्तीसगढ़ की संस्कृति में खानपान की परंपराएं विशिष्टता हैं, जो हर प्रहर, बेला, मौसम और तीज-त्यौहार के मुताबिक सामने आती है। छत्तीसगढ़ की आदिवासी समाज का कलेवा यदि प्राकृतिक वनोपज है तो जनपदीय संस्कृति के वाहको का कलेवा अपनी विविधताओं से हतप्रभ करता है।
छत्तीसगढ़ के मांगलिक और गैर-मांगलिक दोनों प्रसंग के व्यंजनों की अपार श्रृंखला है। ये व्यंजन भुने हुए, भाप में पकाए, तेल में तले और इन तीनों की बगैर सहायता से भी तैयार होते हैं।
छत्तीसगढ़ के मीठे व्यंजन
1. तसमई
- तसमई छत्तीसगढ़ी तसमई खीर जैसा व्यंजन है।
- दूध, चांवल का यह पकवान गर्मी-खुशी में विशेष तौर पर बनता है।
- तसमई प्रयुक्त कच्चा पदार्थ दूध, चावल, शक्कर या गुड़ आदि से बनाया जाता है।
- स्वाद में यह मीठा व्यंजन है।
- प्रमुख त्यौहार के अवसर पर बनाया जाता है।
2. खुरमी
- गेहूं तथा चावल के आटे के मिश्रण से निर्मित मीठी प्रकृति का लोकप्रिय व्यंजन है।
- गुड़ चिरौंजी और नारियल इसका स्वाद बढ़ा देते हैं।
- खुरमी प्रयुक्त कच्चा पदार्थ खुरमी बनाने के गेहूं एवं चावल आटे का प्रयोग किया जाता है।
- स्वाद खुरमी मीठा व्यंजन होता है।
- प्रमुख त्यौहार या पर्व यह व्यंजन भी तीजा पोला के अवसर पर बनाया जाता है।
3. पपची
- गेहूं-चावल के आटे से बनी पपची बालूशाही को भी मात कर सकती है।
- मीठी पपची मंद आंच में सेके जाने से कुरमुरी और स्वादिष्ट बन जाती है।
4. देहरौरी
- दरदरे चांवल और चाशनी में भींगी देहरौरी को रसगुल्ले का देसी रूप कह सकते हैं।
- देहरौरी प्रयुक्त कच्चा पदार्थ दरदरे चावल से बनाया जाता है।
- इसका स्वाद मीठा होता है। (देशी रसगुल्ला)
- विधि – नमकीन देहरउरी चावल को भिगाकर, दरदरा पीसकर, दही.नमक के साथ फेंटकर , हाथ से वृत्ताकार आकार देकर, तेल में पकाया गया पकवान।
- प्रमुख त्यौहार या पर्व पित्र पक्ष के दिन घर मे देहरौरी व्यंजन बनाया जाता है।
- देहरौरी को रसगुल्ले का देसी रूप कह सकते हैं।
5. फरा
- फरा पके हुए चावल का बनाया जाता है मीठा फरा में गुड़ का घोल प्रयुक्त होता है.
- दूसरा भाप में पकाया हुआ जिसको बघार लगाकर अधिक स्वादिष्ट किया जाता है।
6. चौसेला
हरेली, पोरा, छेरछेरा त्यौहारों में चांवल के आटे से तलकर तैयार किया जाने वाले इस व्यंजन का जायका गुड़ व आचार बढ़ा देते हैं।
7. गुलगुला
- गुलगुला प्रयुक्त कच्चा पदार्थ गुलगुला बनाने के लिए गेहूं आटा का प्रयोग किया जाता है।
- स्वाद गुलगुला एक मीठा व्यंजन है।
- प्रमुख त्यौहार या पर्व गुलगुला व्यंजन अतिथि के आगमन पर उनके स्वागत में बनाया जाता है।
8. अईरसा
- अईरसा प्रयुक्त कच्चा पदार्थ चावल आटा एवं गुड़ के मिश्रण से अईरसा बनाया जाता है।
- अइरसा चावल आटा और गुड़ की चाशनी से बना छत्तीसगढ़ी पकवानों का स्वादिष्ट रूप है।
- स्वाद अइरसा स्वाद में मीठा व्यंजन है।
- दीपावली एवं के अवसर पर अईरसा बनाया जाता है।
9. पपची
- पपची प्रयुक्त कच्चा पदार्थ पपची चावल, गेंहू आटा एवं गुड़ के मिश्रण से बनाया जाता है।
- पपची एक मीठा व्यंजन है।
- शादी के अवसर पर पपची बनाया जाता है।
- पपची छत्तीसगढ़ राज्य का राजकीय मिठाई है।
- ये बालूशाही को भी मात कर सकती है।
- मीठी पपची, मंद आंच (धीमी आंच) में सेके जाने से कुरमुरी और स्वादिष्ट बन जाती है।
10. मालपुवा
- मालपुवा चावल को कूट कर उसमे गुड को मिला कर बनाया जाता है।
- यहां के सतनामी जाति के लोगों में इसका विशेष महत्व है
11. फरा
- फरा प्रयुक्त कच्चा पदार्थ चावल आटा से बनाया जाता है।
- स्वाद मीठा एवं नमकीन दोनों बनाया जा सकता है।
- मीठा फरा में गुड़ का घोल प्रयुक्त होता है और दूसरा भाप में पकाया हुआ जिसको बघार लगाकर अधिक स्वादिष्ट किया जाता है।
- प्रमुख त्यौहार या पर्व सामान्य अवसरों पर बनाया जाता है।
छत्तीसगढ़ के नमकीन व्यंजन
1. ठेठरी
- लम्बी या गोल आकृति वाला यह नमकीन व्यंजन बेसन से बनता है।
- ठेठरी प्रयुक्त कच्चा पदार्थ ठेठरी बनाने के लिए कच्चे पदार्थ के रूप में चना बेसन का उपयोग किया जाता है।
- स्वाद ठेठरी का स्वाद नमकीन होता है।
- प्रमुख त्यौहार या पर्व जैसे तीजा पोला के समय ठेठरी बनाया जाता है।
2. करी
- करी, बेसन का मोटा सेव है, इसे नमक डालकर नमकीन करी बनाते हैं.
- बिना नमक के करी से गुड़ वाला मीठा लड्डू बनता है।
- दुःख-सुख के अवसरों में करी का गुरहा लड्डू बनाया जाता है।
3. चीला
- चावल के आटे में नमक डालने से नुनहा चीला बनता है एवं घोल में गुड़ डाल देने से गुरहा चीला।
- इन दोनों चीले का स्वाद हरी मिर्च और पताल की चटनी से बढ़ जाता है।
- चीला प्रयुक्त कच्चा पदार्थ गेहूं या चावल आटा से बनाया जाता है।
- स्वाद चीला स्वाद में नमकीन एवं मीठा हो सकता है, चीला का स्वाद उसके कच्चे पदार्थ के ऊपर निर्भर करता है।
- इन दोनों चीले का स्वाद हरी मिर्च और टमाटर की चटनी से बढ़ जाता है।
- प्रमुख त्यौहार या पर्व हरितालिका (हरेली) के दिन चीला बनाया जाता है।
4. भजिया
- भजिया प्रयुक्त कच्चा पदार्थ चना बेसन से भजिया बनाया जाता है।
- स्वाद भजिया एक प्रकार का नमकीन व्यंजन है।
- प्रमुख त्यौहार या पर्व में भजिया अतिथि संस्कार के समय बनायेजाने वाला व्यंजन है।
5. चौसेला
- चौसेला प्रयुक्त कच्चा पदार्थ चौसेला बनाने के लिये चावल आटे का उपयोग किया जाता है।
- स्वाद चौसेला स्वाद में नमकीन होता है।
- प्रमुख त्यौहार या पर्व अतिथि संस्कार एवं सामान्य अवसर पर चौसेला बनाया जाता है।
6. सोहारी
- सोहारी प्रयुक्त कच्चा पदार्थ गेंहू आटा से सोहारी को तेल में छानकर बनाया जाता है।
- स्वाद सोहारी स्वाद में नमकीन होता है।
- सोहारी शादि-ब्याह और भोज में पतली और बड़ी पूरी-सोहारी बनायी जाती है।
- प्रमुख त्यौहार या पर्व अतिथि संस्कार एवं सामान्य अवसर पर सोहारी बनाया जाता है।
7. बोबरा
- बबरा प्रयुक्त कच्चा पदार्थ गेहूँ आटा से बनाया जाता है।
- स्वाद यह मीठा व्यंजन है।
- प्रमुख त्यौहार/पर्व इस व्यंजन को नवमी को बनाया जाता है।
8. बरा
- बरा मूंग एवं उड़द दाल से बनाया जाता है।
- स्वाद बरा का स्वाद नमकीन होता है।
- प्रमुख त्यौहार या पर्व एवं मांगलिक या दुःख के अवसर पर बनाया जाता है।
- उड़द दाल से बने इस व्यंजन का शादि-ब्याह तथा पितर में विशेष चलन है।
9. लाटा
- लाटा प्रयुक्त कच्चा पदार्थ लाटा इमली, नमक, मिर्ची एवं धनिया आदि से बनाया जाता है।
- स्वाद इसका स्वाद नमकीन एवं होता है।
- इसे बच्चे बड़े सौक से कहते है, लाटा हर अवसर पर बना सकते है।
- लाटा को देशी लॉलीपॉप भी कहा जाता है।
10. मुठिया
- मुठिया चावल के आटे में या कभी-कभी पका चांवल भी मिलाकर.
- नमक डालकर गूंधकर, मुट्ठी से गोल आकार बनाकर, भाप से पकाकर.
- तिल-मिर्च से छौंक से सेंका गया नमकीन मुठिया बनाया जाता है .
11. धुसका
- धुसका चावल के आटे को गूंध कर, तेल में हल्की आंच पर सेंकी गयी,
- व्हेज मिक्स. प्याज, टमाटर, हरी मिर्च, धनिया पत्ती को बारीक काटकर.
- चावल के आटे के साथ गूंधकर, धीमी आंच में, तेल के साथ सेंकी गयी,
- ये मोटी नमकीन रोटी है।
छत्तीसगढ़ के स्वादिस्ट व्यंजन
1. अंगाकर रोटी
- अंगाकर रोटी चावल के आटे को गूंधकर, अंगार में सेंकी गयी, मोटी नमकी
- चांउर रोटी पातर चावल के आटे को गूंधकर, पतला-पतला बेलकर, तवे पर धीमी आंच में सेंकी गयी, पतली रोटी।
3. बफौरी सादा
- बफौरी सादा मसूर दाल को भिगोकर, उसे दरदरा पीसकर, गोल आकार देकर, भाप में पकाया, और तेल से छौंका नाश्ता।
- बफौरी मिक्स दाल चना, मूंग, उड़द, मसूर दाल बराबर मात्रा में, पानी में भिगोकर, दरदरा पीसकर, मूट्ठी से गोल आकार देकर,
- भाप से पकाया तथा सरसो मिर्च सेए तेल में छौंका गया नाश्ता।
4. हथ फोडवा
- हथ फोडवा चांवल के आटे को पानी में घोलकर, नमक मिलाकर, बिना तेल डाले, मिट्टी के तवे में सेका गया, नमकीन चीला।
5. बिड़िया
- बिड़िया आटे को मोयन में मिलाकर, पानी के साथ गूंधकर, लोई को छोटे मोटे बेलकर, आकार देकर सेकना, फिर उसे शक्कर गुड़ की चाशनी ;उखड़ा पाग में भिगोकर, सुखाया गया मिष्ठान।
6. पिड़िया
- पिड़िया चावल को भिगाकर, सुखाकरए,आटे को दही में फेटकर, घी से तलकर सेव बनाकर.
- इस सेव को सिलबट्टे से पीसकर, चूरा शक्कर मिलाकर, मुठ्ठी से आकार देकर.
- शक्कर की चाशनी में डुबाकर तैयार किया गया सूखा मिष्ठान।
7. पूरन लाडू
- पूरन लाडू गेंहू के आटे को घी में लाल भून कर, शक्कर, मेवा मिलाकर लडडू बनाकर.
- उसपर बूंदी को गुड़ की चाशनी में मिलाकर, पूरन के गोल लडुओं, के उपर इस बूंदी को परत डालकर.
- मुठ्ठी से दबाकर, तैयार सूखा मिष्ठान।
8. करी लाडू
- करी लाडू बेसन के सेव को गुड़ की चाशनी में मिलाकर.
- मुट्ठी से गोल आकार दिया गया मीठा पकवान।
9. बूंदी लाडू
- बूंदी लाडू बूंदी को शक्कर की चाशनी में मिलाकर.
- मुट्ठी से दबाकर तैयार किया गया मीठा पकवान।
10. मूर्रा लाडू
- मूर्रा लाडू मुरमुरे को गुड़ की चाशनी में मिलाकर.
- मुट्ठी से आकार देकर तैयार लडडू।
11. लाई लाडू
- लाई लाडू लाई को गुड़ की चाशनी में मीड़कर, मुट्ठी से आकार देकर, तैयार लडडू।
इन्हें भी देखे
FAQ
छत्तीसगढ़ का प्रसिद्ध व्यंजन क्या है?
छत्तीसगढ़ के व्यंजन क्या है ?
छत्तीसगढ़ी व्यंजन छत्तीसगढ़ की संस्कृति में खानपान की परंपराएं विशिष्ट हैं, जो हर प्रहर, बेला, मौसम और तीज-त्यौहार के मुताबिक सामने आती है।
छत्तीसगढ़ का फेमस डिश क्या है?
खुरमा छत्तीसगढ़ राज्य की मशहूर मीठी डिश है, जिसे गाढ़े दूध और सेवइयों के साथ बनाया। मीठी खीर या सेवइयों को मुस्लिम ईद के दौरान विशेष रूप से खाते हैं। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के हर घर में खुरमा बनाया जाता और होटलों में भी डेजर्ट के तौर पर परोसा जाता है।