छत्तीसगढ़ की जनजाति – आज हम छत्तीसगढ़ की जनजाति से सम्बंधित सामान्य जानकारी का अध्यन करेगे जो परीक्षा किद्रिस्ती से महत्व पूर्ण है.
जनजातियो के प्रमुख युवागृह
- धुमकुरिया = उराँव
- घोटुल = मुडीया
- गितिओना = बिरहोल
- घसरवासा = भुईयॉ
- रंगबंग = भारिया
जनजातियो में प्रसिद्ध कृषि पद्धतीया
- पेद्दा = अबूझमाडीया
- बेवर = बैगा
- दहिया = कमार
जनजातियो के देवी देवता
- गोड़ = दूल्हादेव/सलना देवी
- बैगा = बूढादेव
- उराव = सरना देवी
- दसहरा = दंतेस्वरी देवी
- घोटुल = लिंगोपेन
- मडई = अंगादेव
जनजातियो का प्रमुख पेय
- हाँडिया = कोरवा
- सल्फी = मुड़िया/माडीया
- ताड़ी = बैगा
प्रमुख जनजाति नृत्य
- सैला–गोंड/बैगा
- सरहुल–उंराव
- गौर–दंडामि माड़िया
- काकसर–मुड़िया
- बिलम–बैगा
- दमनच–पहाड़ी कोरवा
- हुलकीपाटा–मुड़िया
- घोटुलपाटा–मुड़िया
- दोरला–दोरला
जनजाति में प्रसिद्ध विवाह
1.अपहरण विवाह / पायसोतुर विवाह – गोंड
2.दूध लौटावा विवाह – गोंड
3.विनिमय/गुरावट विवाह – समस्त जनजाति
4.हट विवाह – समस्त जनजाति
5.ढुंकु विवाह – कोरबा।
6.पैडुल विवाह – समस्त जनजाति।
7.पठौनी विवाह – समस्त जनजाति।
8.भागेली विवाह – समस्त जनजाति।
9.सेवा/चरधिया/लमसेना विवाह – गोंड जनजाति।
10.तीर विवाह – बिंझवार।
11.अरउतो विवाह – समस्त जनजाति।
12.गंधर्व विवाह – परजा जनजाति।
13.क्रय विवाह / परिगधन विवाह – समस्त जनजाति।
जनजाति युवागृह
- मुरिया /माड़िया – घोंटूल
विशेष – पुरुष – चेलिक
पुरुष सदस्य प्रमुख सिरेदार होता है।
महिला – मुटियारीन
महिला सदस्य प्रमुख बेलोसा होती है।
युवक युवतियों को संस्कृतिक रूप से परिचित कराना
होता है।
2. उरांव जनजाति – धुमकुरिया
विशेष – वर – धांगर।
वधु – धांगरीन।
3. बिरहोर – गतिओना।
4. भारिया – रंगबंग।
5. भुंइया – घसरवासा।
जनजाति के पेय पदार्थ
- सल्फी – मुड़िया,माड़िया, (ताड़ वृक्ष से निकालते है)
- ताड़ी – बैगा (ताड़ वृक्ष और छिंद से निकालते है)
- हाडिया – कोरवा जनजाति।
- पेज – गोंड।
- कोसमा – उरांव।
जनजाति के कार्य
- अगरिया – लौह शिल्पकला।
- बैगा – मेडिसिन मैन ऑफ गोंड।
- खड़िया – पालकी ढोने का कार्य करते है।
- कोरकू – भूमि खोंदने का कार्य करते है।
- खैरवार – कत्था निकालने का कार्य करते है।
- पारधी – काली रंग के पक्षी का शिकार करते है।
- कंवर – सैन्य कार्य करते है।
- भतरा – सेवक का काम करते है।
- कमार – बांस शिल्प कला।
- कोल – कोयला खोदने का कार्य करते है।
- हल्बा – कृषि कार्य करते है।
जनजाति के प्रमुख नृत्य
1.मांदरी नृत्य – मुड़िया।
– घोटुल के बाहर किया जाता है
2.ककसार नृत्य – मुड़िया।
– घोंटूल के देवता लिंगोपन को खुश करने के लिए यह नृत्य किया जाता है ।
3.एबालतोर नृत्य – मुड़िया।
– मड़ई महोत्सव के समय अंगादेव के पूजा हेतु नृत्य किया जाता है
4.हुलकी पाटा – मुड़िया।
– यह एक सामान्य नृत्य है।
5.घोटुलपाटा – मुड़िया।
– मृत्यु के अवसर पर किया जाता है।
6.गेंड़ी नृत्य/ डिटोम नृत्य – मुड़िया
– केवल लड़के लोग भाग लेते है।
7.माओपाटा – मुड़िया।
-शिकार के समय नृत्य करते है।
8.बायसन हॉर्न नृत्य – माड़िया।
– गोंचा पर्व में माड़िया जनजाति द्वारा भैंस के सींग को लगाकर नृत्य किया जाता है । मृतक स्तम्भ स्थापित करते है । वेरियर एल्विन द्वारा इस नृत्य को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ नृत्य कहा गया है।
9.पैडुल नृत्य – डोरला जनजाति।
– विवाह के अवसर पर किया जाता है।
10.करमा नृत्य – बैगा।
– सामान्य अवसर पर किया जाता है।
11.बार नृत्य – कंवर जनजाति।
– मनोरंजन के समय नृत्य किया जाता है।
12.दमनच नृत्य – कोरवा।
– सबसे भयानक और खतरनाक नृत्य होता है।
13.थापडी नृत्य – कोरकू जनजाति।
– बैसाख माह में किया जाता है।
14.ढांढ़ल नृत्य – कोरकू जनजाति।
15.डंडारी नृत्य – कोरकू जनजाति।
– कोरकू जनजाति
16.सैला नृत्य/ डंडा नृत्य – बैगा/गोंड
– दीपावली के समय कार्तिक पक्ष से लेकर फाल्गुन पूर्णिमा तक चलता है।
17.बिल्मा नृत्य – बैगा।
– विजयदशमी के दिन यह नृत्य करते है।
18.सरहुल नृत्य – उरांव।
– यह नृत्य साल वृक्ष में फूल लगने पर किया जाता है ।
19.परब नृत्य – धुरवा।
– सैन्य नृत्य
20.भड़म नृत्य – भारिया
– सबसे लंबी समय तक चलने वाली नृत्य है।
जनजातियों से संबंधित पुस्तक
1.वेरियर एल्विन
– द बैगास।
– द अघरिया।
– द गौर।
– द मुड़िया एंड देयोर घोंटूल।
2.एस सी रॉय
– द बिरहोर।
3.श्यामा चरण दुबे
– द कमार।
4.जॉर्ज ग्रियर्सन
– द माड़िया गॉड्स ऑफ बस्तर।
5.पी वी नायक
– द भील।
6.दयाशंकर नाग
– द ट्राइबल इकोनॉमी।
जनजातियों का लोकगीत
1.घोंटूल पाटा – मृत्यु के अवसर पर मुड़िया जनजाति द्वारा गाया जाता है।
2.घनकुल/जगर गीत – बस्तर अंचल में हल्बा और भतरा जनजाति द्वारा गाया जाता है।
3.रीलो गीत – गोंड़ जनजाति (मुड़िया जनजाति)
जनजातियों की उपजाति
1.उरांव – नाहर ,कुडास, किसान।
2.गोंड़ – अबूझमाडिया, मुड़िया, माड़िया, कमार, अगरिया।
3.कंवर – तंवर,पैंकरा,राठिया।
4.बैगा – बिंझवार, घरौतीया, नरौतीया।
5.हल्बा – छत्तीसगढ़ीया।
जनजातियों का स्थानांतरित कृषि
1. बैगा – बेवार
2.कमार – दाहिया
3.अबुझमाड़िया – पेद्दा
4.कोरबा – देवारी
जनजातियों के देवी देवता
- कोरवा – खुड़िया रानी
- उराँव – सरना देवी
- गोंड़ – दूल्हादेव
- बैगा – बूढ़ादेव
- कमार – छोटे माई – बड़े माई
- कंवर – सगराखण्ड
- मुड़िया – आंगादेव