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समदाब रेखाएँ क्या है? जनवरी और जुलाई की समदाब रेखाएँ

ये वे कल्पित रेखाएँ हैं जो पृथ्वी के धरातल पर समान वायुदाब वाले स्थानों को जोड़ती हैं। मानचित्रों में वायुदाब इन्हीं रेखाओं द्वारा प्रकट किया जाता है।

समदाब रेखाएँ क्या है

ये वे कल्पित रेखाएँ हैं जो पृथ्वी के धरातल पर समान वायुदाब वाले स्थानों को जोड़ती हैं। मानचित्रों में वायुदाब इन्हीं रेखाओं द्वारा प्रकट किया जाता है। मानचित्रों में इन रेखाओं को बनाने के पूर्व वायुदाब को सागर तल के वायुदाब में बदल लेते हैं, क्योंकि ऊँचाई के अनुसार वायुदाब कम हो जाता है.

यदि किसी स्थान का वायुदाब 650 मिलीबार है और यह सागरतल से 2,750 मीटर ऊँचा है तो उस स्थान का वास्तविक वायुदाब 330 मिलीबार कम है,( ऊपर जाने पर प्रति 100 मीटर पर 12 मिलीबार वायुदाब घटता है) अतः सागरतल पर उसका वायुदाब 980 मिलीबार (650 + 330) होगा।

जनवरी की समदाब रेखाएँ

जनवरी की समदाब रेखाओं को देखने से विदित होता है कि इस समय सबसे अधिक वायुदाब मध्य एशिया में मिलता है। यह 1,032 मिलीबार से भी अधिक हो जाता है। उत्तरी गोलार्द्ध में उच्च वायुदाब के अन्य क्षेत्र इस समय 30° उत्तरी अक्षांश के निकट कैलीफोर्निया के पश्चिम में प्रशान्त महासागर तथा अटलाण्टिक महासागर में कनारी द्वीप समूह के निकट पाए जाते हैं।

दक्षिणी गोलार्द्ध में इस ऋतु में उच्च दाब के क्षेत्र चिली के पश्चिमी तट के समीप प्रशान्त महासागर, अफ्रीका के पश्चिमी तट के पास अटलाण्टिक महासागर तथा दक्षिणी हिन्द महासागर में पाए जाते हैं। इस समय कम दाब के क्षेत्र उत्तरी गोलार्द्ध में, उत्तरी अटलाण्टिक महासागर में आइसलैण्ड और उत्तरी प्रशान्त महासागर में एल्यूशियन द्वीप में पाए जाते हैं। यहां का वायुदाब 1,008 और 1,004 मिलीबार के लगभग रहता है।

दक्षिणी गोलार्द्ध में कम वायुदाब के क्षेत्र विषुवत् रेखा के समीप दक्षिणी अमरीका, अफ्रीका, आस्ट्रेलिया और पूर्वी द्वीप समूह के भीतरी भागों में पाए जाते हैं।

जुलाई की समदाब रेखाएँ

जुलाई की समदाब रेखाओं को देखने से यह पता चलता है इस समय दक्षिणी गोलार्द्ध में वायुदाब बहुत बढ़ा हुआ है। 30° दक्षिणी अक्षांश के आस-पास उच्च दाब की मेखला विना किसी रुकावट के विस्तृत भाग में फैली हुई पायी जाती है।

उत्तरी गोलार्द्ध में इस ऋतु में उच्च दाब के क्षेत्र उत्तरी अटलांटिक महासागर में एजोर्स द्वीप और उत्तरी अमरीका के पश्चिमी तट के समीप उत्तरी प्रशान्त महासागर में स्थित हैं। इसके विपरीत, न्यून वायुदाब यूरेशिया के मध्य भाग, आइसलैण्ड, कनाडा के उत्तर में वैफिन खाड़ी, उत्तरीपश्चिमी भारत, पश्चिमी पाकिस्तान, आदि क्षेत्रों में फैले हैं।

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ये वे कल्पित रेखाएँ हैं जो पृथ्वी के धरातल पर समान वायुदाब वाले स्थानों को जोड़ती हैं। मानचित्रों में वायुदाब इन्हीं रेखाओं द्वारा प्रकट किया जाता है।

समदाब रेखाएँ क्या है

ये वे कल्पित रेखाएँ हैं जो पृथ्वी के धरातल पर समान वायुदाब वाले स्थानों को जोड़ती हैं। मानचित्रों में वायुदाब इन्हीं रेखाओं द्वारा प्रकट किया जाता है। मानचित्रों में इन रेखाओं को बनाने के पूर्व वायुदाब को सागर तल के वायुदाब में बदल लेते हैं, क्योंकि ऊँचाई के अनुसार वायुदाब कम हो जाता है.

यदि किसी स्थान का वायुदाब 650 मिलीबार है और यह सागरतल से 2,750 मीटर ऊँचा है तो उस स्थान का वास्तविक वायुदाब 330 मिलीबार कम है,( ऊपर जाने पर प्रति 100 मीटर पर 12 मिलीबार वायुदाब घटता है) अतः सागरतल पर उसका वायुदाब 980 मिलीबार (650 + 330) होगा।

जनवरी की समदाब रेखाएँ

जनवरी की समदाब रेखाओं को देखने से विदित होता है कि इस समय सबसे अधिक वायुदाब मध्य एशिया में मिलता है। यह 1,032 मिलीबार से भी अधिक हो जाता है। उत्तरी गोलार्द्ध में उच्च वायुदाब के अन्य क्षेत्र इस समय 30° उत्तरी अक्षांश के निकट कैलीफोर्निया के पश्चिम में प्रशान्त महासागर तथा अटलाण्टिक महासागर में कनारी द्वीप समूह के निकट पाए जाते हैं।

दक्षिणी गोलार्द्ध में इस ऋतु में उच्च दाब के क्षेत्र चिली के पश्चिमी तट के समीप प्रशान्त महासागर, अफ्रीका के पश्चिमी तट के पास अटलाण्टिक महासागर तथा दक्षिणी हिन्द महासागर में पाए जाते हैं। इस समय कम दाब के क्षेत्र उत्तरी गोलार्द्ध में, उत्तरी अटलाण्टिक महासागर में आइसलैण्ड और उत्तरी प्रशान्त महासागर में एल्यूशियन द्वीप में पाए जाते हैं। यहां का वायुदाब 1,008 और 1,004 मिलीबार के लगभग रहता है।

दक्षिणी गोलार्द्ध में कम वायुदाब के क्षेत्र विषुवत् रेखा के समीप दक्षिणी अमरीका, अफ्रीका, आस्ट्रेलिया और पूर्वी द्वीप समूह के भीतरी भागों में पाए जाते हैं।

जुलाई की समदाब रेखाएँ

जुलाई की समदाब रेखाओं को देखने से यह पता चलता है इस समय दक्षिणी गोलार्द्ध में वायुदाब बहुत बढ़ा हुआ है। 30° दक्षिणी अक्षांश के आस-पास उच्च दाब की मेखला विना किसी रुकावट के विस्तृत भाग में फैली हुई पायी जाती है।

उत्तरी गोलार्द्ध में इस ऋतु में उच्च दाब के क्षेत्र उत्तरी अटलांटिक महासागर में एजोर्स द्वीप और उत्तरी अमरीका के पश्चिमी तट के समीप उत्तरी प्रशान्त महासागर में स्थित हैं। इसके विपरीत, न्यून वायुदाब यूरेशिया के मध्य भाग, आइसलैण्ड, कनाडा के उत्तर में वैफिन खाड़ी, उत्तरीपश्चिमी भारत, पश्चिमी पाकिस्तान, आदि क्षेत्रों में फैले हैं।

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