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छत्तिसगढ के साहित्य एवं साहित्यकार, रचना एवं रचनाकार

छत्तिसगढ के साहित्य, रचना एवं रचनाकार

छत्तीसगढ़ी पूर्वी हिंदी की तीन विभाषाओं में से एक है। यह रायगढ़, सरगुजा, बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग, जगदलपुर तथा बस्तर आदि में बोली जाती है। छत्तीसगढ़ी भाषा मराठी तथा उड़िया भाषाओं से प्रभावित हुई है। छत्तीसगढ़ी साहित्य में भारतीय संस्कृति के तत्त्व वर्तमान हैं। इस साहित्य में अनेक लोककथाएँ हैं जिनके मूल भाव भारत की अन्य भाषाओं में भी सामान्य रूप से पाए जाते हैं। कहीं कहीं स्थानीय तथा सामयिक ढंग से इन कथाओं की रोचकता बढ़ गई है। छत्तीसगढ़ी पँवाड़ों के प्रबन्धगीत किसी न किसी कहानी पर आधारित हैं।

छत्तीसगढ़ के साहित्यकार संक्षिप्त विवरण
  • पं. सुन्दरलाल शर्मा ने सर्वप्रथम छत्तीसगढ़ी में प्रबन्ध काव्य लिखने की परम्परा विकसित की।
  • छत्तीसगढ़ी में गद्य लेखन की परम्परा का शुभारम्भ पं॰ लोचन प्रसाद पांडेय ने किया।
  • प्रथम छत्तीसगढ़ी उपन्यास हीरु के कहिनी तथा मोंगरा को मानी जाती है। इसके रचयिता क्रमशः वंशीधर पांडेय तथा शिवशंकर शुक्ल हैं।
  • प्रथम छत्तीसगढ़ी कहानी सुरही गइया है, इसके कहानीकार पं॰ सीताराम मिश्र हैं।
  • प्रथम छत्तीसगढ़ी प्रबन्ध कव्य ग्रन्थ छत्तीसगढ़ दानलीला है, इसके रचनाकार सुन्दरलाल शर्मा हैं।
  • प्रथम छत्तीसगढ़ी व्याकरण सन् 1880 में काव्योपाध्याय हीरालाल ने सृजनित की थी।
  • छत्तीसगढ़ी में नाटक की शुरुआत पं॰ लोचन प्रसाद पांडेय के कलिकाल से मानी जाती है।
  • छत्तीसगढ़ी में व्यंगय लेखन का प्रारम्भ शरद कोठारी की रचनाओं से माना जाता है।
  • छत्तीसगढ़ी की प्रथम समीक्षात्मक रचना डॉ॰ विनय कुमार पाठक की छत्तीसगढ़ी साहित्य अऊ साहित्यकार है।
  • रतनपुर के गोपाल मिश्र हिन्दी काव्य परम्परा की दृष्टि से छत्तीसगढ़ के वाल्मिकी हैं।
छत्तीसगढ़ के प्रमुख साहित्यकार
संत धनी धर्मदस
  • छत्तीसगढ़ के प्रथम कवी कहे जाते है.
  • ये छत्तीसगढ़ में के संस्थापक माने जाते है, कबीर पंथ का तीर्थ स्थल दामाखेड़ा है.
पं. सुन्दरलाल शर्मा
  • पं सुन्दर लाल शर्मा को छत्तीसगढ़ का महात्मागांधी कहा जाता है
  • इनकी रचना दानलीला छ.ग. का प्रथम प्रबंध काव्य है
  • मासिक पत्रिका “दुलरवा” का प्रकाशन इन्होने रायपुर के जेल में रहकर किया है
  • दुलरवा- श्री कृष्ण के जन्म स्थान से सम्बंधित पत्रिका है
शुकलाल प्रसाद पाण्डेय
  • छत्तीसगढ़ के प्रथम हास्य कवी है.
  • इनकी रचना — गियाँ  आउ भूल भुलैया
बंशीधर पाण्डेय  
  • प्रथम उपन्यासकार है
  • इनका उपन्यास है – हीरू की कहिनी, प्रकाशन – 1926 में
सीता राम मिश्र 
  • प्रथम कहानीकार है
  • कहानी – सुरही गैय्या
द्वारका प्रसाद तिवारी 
  • ये बिलासपुर के रहने वाले है छ. ग. के सबसे कम उम्र के कवी है, लगभग 16 साल की उम्र में इन्होने काव्य रचना आरम्भ की थी,
  • इनकी रचना है – गाँधी  गीत,  फाल्गुन गीत, सुराज गीत, पंचवर्षीय योजना
मुकुटधर पाण्डेय 
  • प्रथम छायावादी कवी है
  • रचना – कुरकुरी के प्रति (1920) यह कविता छायावादी काव्य धारा की पहली कविता मानी जाती है.
  • छायावाद के जनक माने जाते है,
  • 26 / जनवरी / 1950 को पद्मश्री सम्मान मिला था
लोचन प्रसाद पाण्डेय  
  • छत्तीसगढ़ के प्रथम नाटक कार है
  • नाटक – “कलिकाल” है
  • छ.ग. के भीष्म पितामाह कहे जाते है,
  • रायपुर में इन्होने महाकौशल इतिहास परिषद्  की स्थापना की थी.
  • 1920 में इन्होने छ.ग. गौरव प्रचारक मंडली की स्थापना की.
  • छ.ग. में गद्य लेखन की शुरवात की थी
श्रीकान्त वर्मा 
  • ये बिलासपुर के रहने वाले है, राज्यसभा के सदस्य रह चुके है
  • इनकी रचना – मगध, माया दर्पण, जल साध्य, मटका मेघ
हरी ठाकुर 
  • रायपुर के स्वतन्त्रता सेनानी रहे है,
  • रचना – सुरता के चन्दन, धान का कटोरा, नए स्वर
  • इनका खंड काव्य – शहीद वीरनारायण सिंह है
  • 2001 में पं. सुन्दरलाल शर्मा साहित्य सम्मान प्रदान किया गया
देवी प्रसाद पाण्डेय 
  • ये जांजगीर चांपा के रहने वाले है इन्हें बच्चू जांजगिरी कहते है
  • इनकी जीवनी- मस्तो का मसीहा है
पं. श्यामलाल चतुर्वेदी 
  • राजभाषा आयोग के  अध्यक्ष थे
  • रचना- पाररा भर लाइ
डॉ नरेंद्रदेव वर्मा 
  • छत्तीसगढ़ का प्रहसन – मोला गुरु बनाई ले
  • उपन्यास – सुबह की तलाश, अपूर्वा
विनोद कुमार शुक्ल 
  • कोरिया जिले के रहने वाले है,
  • इनकी रचना- नौकर की कमीज, दिवार में खिड़की रहती है, लिखेगा तो देखेंगे, वह आदमी चला गया गर्म कोट पहनकर
  • दिवार में खिड़की रहती है, (इस रचना के लिए इन्हें, व्यास सम्मान मिला था)
केयूर भूषण 
  • ये गाँधी वादी विचार धारा से प्रभावित थे.
  • इनकी रचना – फूटा करम
दानेश्वर शर्मा 
  • इनकी रचना है – “बेटी के बीदा”
पालेश्वर शर्मा 
  • रचना – तिरिया जन्म झन देय
डॉ बलदेव प्रसाद 
  • 1939 में तुलसी दर्शन  महाकाव्य और शोध  प्रबंध  की रचना की, इस कार्य पर नागपुर विश्वविद्यालय ने इन्हें डी लिट् की उपाधि दी
  • 1946 में इनकी अमर कृति साकेत संत प्रकाशित हुआ
  • 1920 में इन्होने असहयोग आन्दोलन के समय ठा. प्यारेलाल के साथ मिलकर राजनंदगांव में स्वदेशी राष्टी विद्यालय की स्थापना की थी.
  • इनकी रचना – मृणालिनी परिणय, समाज सेवक, मैथिलि परिणय, कोशल किशोर, मानस मंथन,   जीवां संगीत , साहित्य लहरी.
  • माधव राव सप्रे – छ.ग. में पत्रकारिता के पितामाह कहे जाते है,
  • छ.ग. का पहला समाचार पत्र छत्तीसगढ़ मित्र का प्रकाशन इन्होने बिलासपुर के पेंड्रा जिले से किया था.
  • डॉ. बलदेव – के लेखन की मुख्य विधा है कविता, कहानी, आलोचना एवं ललित निबंध, उनकी करीब 20 किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्होंने पं. मुकुटधर पाण्डे पर गहरा अध्ययन किया है। प्रकृति उनकी प्रेरणा का स्रोत है।
पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी 
  • इनका जन्म राजनंदगांव में हुआ था.
  • इनकी पहली रचना – भाग्य का प्रकाशन 1911 में हितकारिणी में हुई,
  • यह माडर्न रिव्यू में प्रकाशित कहानी का छायानुवाद था
  • बख्शी जी को सरस्वती पत्रिका का संपादक कहा जाता है
  • सरस्वती पत्रिका का संपादक बनकर 1920 में ये इलाहाबाद गये थे.
  • 1929 में सरस्वती पत्रिका के सम्पादकीय पद से स्तीफा दे दिया
  • 1952 – 1956 तक ये खैरागढ़ में रहकर ही सरस्वती पत्रिका का संपादन करते रहे
  • 1950 में मध्य प्रदेश हिंदी साहित्य सम्मलेन के सभापति चुने गये,
  • 1960 में सागर विस्वविद्यालय द्वारा डी लिट् की मानद उपाधि से सम्मानित किये गये.
  • इनकी प्रसिद्ध कहानी – झल मला – कालजयी कहानी है
  • इनका निबंध – कारी

इनकी अन्य रचना इस प्रकार है –

  • काव्य- शतदल, अश्रुदल
  • कहानी संग्रह – पंचपात्र, झलमला, मंजरी
  • उपन्यास- कथाचक्र, भोला,  वे दिन
  • नाटक – प्रायश्चित, त्रिपथगा
  • निबंध- अंतिम अध्याय, कुछ और कुछ, यात्री, बिखरे पन्ने, हिंदी साहित्य विमर्श, मेरे प्रिय निबंध, जिन्हें नहीं भूलूंगा.
गजानन माधव मुक्तिबोध 
  • इनकी पहली कविता – ह्रदय की प्यास  1935 में  कालेज की पत्रिका में छपी.
  • 1940 में अज्ञेय  के प्रथम तार सप्तक का प्रकाशन हुआ, मुक्तिबोध जी जिसके पहले कवी मुक्तिबोध जी थे.
हीरालाल काव्योपाध्याय 
  • प्रथम छत्तीसगढ़ व्याकरण के रचनाकार है (1880 )
हनुमंत नायडू 
कुन्ज बिहारी चौबे 
  • अंग्रेजी शासन के खिलाफ कविता लिखने वाले पहले कवी थे.
गोपाल मिश्र 
  • हिंदी काव्य की दृष्टि से छत्तीसगढ़ के वाल्मीकि कहे जाते है.
  • इनकी किताब – खूब तमाशा
छत्तीसगढ़ के साहित्यकार एवं उनकी रचना 
साहित्यकार प्रमुख रचना
गोपाल मिश्र खूब तमाशा, जैमिनी अश्वमेघ, सुदामा चरित, भक्ति चिंताणि, राम प्रताप
माखन मिश्र छंद विलास नामक पिंगल ग्रन्थ
रेवाराम बाबू रामायण दीपिका, ब्राह्मण स्रोत, गीता माधव महाकाव्य, गंगा लहरी, रामाश्वमेघ, विक्रम विलास, रत्न परीक्षा, दोहाबली, माता के भजन, रत्नपुर का इतिहास
प्रहलाद दुबे जय चंद्रिका
लक्ष्मण कवि भोंसला वंश प्रशस्ति
दयाशंकर शुक्ल छत्तीसगढ़ी लोक साहित्य का अध्ययन
पं. शिवदत्त शास्त्री इतिहास समुच्चय
लोचन प्रसाद पांडेय मृगी दुःख मोचन, कौशल प्रशस्ति रत्नावली
पं. सुन्दराम शर्मा छत्तीसगढ़ी दान लीला
कोदूराम दलित सियानी गोठ, हमारा देश, प्रकृतिवर्धन, कनवा समधि, दू मितान
माधव राव सप्रे रामचरित्र, एकनाथ चरित्र
बलदेव प्रसाद मिश्र छत्तीसगढ़ परिचय
पं.केदार नाथ ठाकुर बस्तर भूषण
पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी झलमला
पुरुषोत्तम अनासक्त स्तह से ऊपर, भोंदू पुराण, श्रीमती जी की पिचकारी
हरि ठाकुर नये स्वर, लोहे का नगर
गुलशेर अहमद खाँ शानी काला जल, एक लड़की की डायरी, साँप और सीढ़ियाँ, फूल तोड़ना मना है, सब एक जगह, एक शहर में सपने बिकते हैं, कालाजल
अब्दुल लतीफ घोंघी तिकोने चेहरे, उड़ते उल्लू के पंख, तीसरे बंदर की कथा, संकटकाल
डॉ॰धनंजय वर्मा अंधेर नगरी, अस्वाद के धरातल निराला काव्य और व्यक्तिव
त्रिभुवन पांडे भगवान विष्णु की भारत यात्रा, झूठ जैसा सच
श्याम लाल चतुर्वेदी राम वनवास (छत्तीसगढ़ी कृति), पर्राभर लाई (काव्य संकलन)
श्री विनोद कुमार शुक्ल उपन्यास-1.नौकर की कमीज, 2.दीवाल में एक खिड़की रहती थी,3. खिलेगा तो देखेंगे.4.हरी घास की छप्पर वाली झोपड़ी और बौना पहाड़, 5.यासि रासा त,

कविता संग्रह- लगभग जय हिन्द, वह आदमी चला गया नया गरम कोट पहिनकर विचार की तरह,

डॉ॰ पालेश्वर शर्मा प्रबंध फटल, सुसक झन कुरदी सुरता ले, तिरिया जनम झनि दे, छत्तीसगढ़ परिदर्शन, नमोस्तुते महामाये, सांसो की दस्तक
इन्हें भी देखे 
FAQ

छत्तीसगढ़ का साहित्य क्या है?

छत्तीसगढ़ का प्रथम उपन्यास कौन सा है?

छत्तीसगढ़ी में गद्य लेखन की परम्परा का शुभारम्भ पं॰ लोचन प्रसाद पांडेय ने किया। प्रथम छत्तीसगढ़ी उपन्यास "हीरु के कहिनी" तथा "मोंगरा" को मानी जाती है। इसके रचयिता क्रमशः बंशीधर पांडेय तथा पं. शिवशंकर शुक्ल हैं।

छत्तीसगढ़ के रचयिता कौन है?

छत्तीसगढ़ की मुख्य भाषा कौन सी है?

छत्तीसगढ़ी सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा है, जिसके बाद हिंदी है, दोनों राज्य की आधिकारिक भाषाएं हैं। बहुत से गोंड गोंडी बोलते हैं।

प्रथम छत्तीसगढ़ व्याकरण के रचनाकार कौन है?

हीरालाल काव्योपाध्याय प्रथम छत्तीसगढ़ व्याकरण के रचनाकार है.

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