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परिवहन: पौधों में जल एवं खनिज लवण का परिवहन कैसे होता है? किस प्रकार होता है जानिए

पौधों में किसी उत्तेजना के फलस्वरूप प्रतिक्रिया वृद्धि या गति के रूप में होती है। इसका नियंत्रण विभिन्न आंतरिक एवं बाह्य कारको द्वारा होता है।

पौधों को जीवित रहने के लिए पोषक तत्वों की जरुरत होती हैं. पानी या अन्य खनिन, मिट्टी से प्राप्त होते है और जड़ों के माध्यम से पानी पेड़ के सभी भागों में जाता है जिसकी मदद से पत्तियां अपना खाना बनाती है. आइये इस लेख के माध्यम से देखते है कि कैसे पौधें या पेड़ों में पानी का परिवहन होता है और कौन सा ऊतक इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

पौधों में जल एवं खनिज लवण का परिवहन

पादप में जल और खनिज लवण का वहन जाइलम ऊतक द्वारा होता है। जड़, तना तथा पत्तों में उपस्थित वाहिनिकाएँ तथा वाहिकाएँ आपस में जुड़कर जल संवहन वाहिकाओं का एक जाल बनाती हैं जो पादप के सभी भागों से जुड़ा होता है। जड़ों की कोशिकाएँ मृदा के संपर्क में होती हैं तथा वे सक्रिय रूप से जल तथा खनिजों को (आयन के रूप में) प्राप्त करती हैं। यह जड़ और मृदा के मध्य आयन सांद्रण में एक अंतर उत्पन्न करता है। इस अंतर को समाप्त करने के लिए मृदा से जल जड़ में प्रवेश कर जाता है। यह जल के स्तंभ का निर्माण करता है जो लगातार ऊपर की ओर धकेला जाता है।

जंतुओं की तरह पेड़ तथा पौधों को जीवित रहने के लिए विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यक्ता होती है. इन पोषक तत्वों का पेड़ तथा पौधों के  सभी भागों में पहुँचना अनिवार्य होता है चाहे जड़ें (roots)  हो, टहनियां, पत्तियां आदि. पेड़ या पौधों के पूरे भाग को जल तथा अन्य खनन, मिट्टी से प्राप्त होते  है, जिसे जड़ के द्वारा अवशोषित कर विभिन्न भागों तक पहुँचाया जाता है. वहीं दूसरी ओर पेड़ तथा पौधों के द्वारा पत्तियों में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया (photosynthesis) द्वारा भोजन बनाया जाता है, जिसे पत्तियों से पौधों के विभिन्न भागों तक पहुँचाया जाता है.
पेड़ तथा पौधों में परिवहन के लिये दो तरह के ऊतक (Tissue) होते हैं: ये हैं ज़ाइलम (Xylem) तथा फ्लोएम (Phloem), ये दोनों ऊतक (Tissue) मिलकर पौधों में विभिन्न पदार्थों को जड़ (Root) से विभिन्न भागों तक तथा पत्तियों से जहाँ पर पौधों द्वारा भोजन तैयार किया जाता है, से पोषक तत्वों को विभिन्न भागों तक पहुँचाते हैं, अर्थात परिवहन (transportation) करते हैं.

पौधों में जल का परिवहन (Transportation of water in plants)
पौधों में जल का परिवहन एक विशेष प्रकार के ऊतक, जिसे ज़ाइलम (Xylem) कहते हैं, के द्वारा होता है. आइये देखते हैं ज़ाइलम क्या होते हैं?
ज़ाइलम (Xylem)
ज़ाइलम (Xylem) ऊतक नलिकाओं के आकार का होता है, तथा इसका एक जाल पूरे पेड़ में फैला होता है. ज़ाइलम (Xylem) ऊतक पौधों में जल का परिवहन करता हैं. पौधे जड़ के द्वारा मिट्टी से जल को अवशोषित करते हैं. इस जल में पौधों के विकास के लिए अन्य आवश्यक खनिज तथा लवण भी विलेय के रूप में उपस्थित रहते है. जड़ों के द्वारा अवशोषित जल तथा उसमें घुले हुए अन्य आवश्यक खनिज तथा लवण, ज़ाइलम ऊतक द्वारा पौधों के विभिन्न भागों तक पहुँचाये जाते हैं. पौधों से विशेषकर रात्रि के समय पत्तियों के रंध्रों से वाष्पण की क्रिया होती है.

ज़ाइलम (Xylem) ऊतक का निर्माण चार प्रकार की कोशिकाओं से होता है:

1. ज़ाइलम तन्तु (Xylem Fibres)
2. ज़ाइलम मृदूतक (Xylem Parenchyma)
3. ज़ाइलम वाहिनिकाएँ (Tracheid)
4. ज़ाइलम वाहिकाएं (Xylem Vessels)
ज़ाइलम तंतु (Xylem Fibres)
ये ज़ाइलम में पाए जाने वाली मृत दृढ़ोतक कोशिकाएँ होती है. ये लंबी, मोटी लिग्निन युक्त कोशिका भित्ती और नुकीले सिरों वाली कोशिकाएँ हैं. इनकी मात्रा द्वितीयक ज़ाइलम में अधिक होती है. यह यांत्रिक सहारा प्रदान करती है.
ज़ाइलम मृदूतक (Xylem Parenchyma)
क्या आप जानते हैं कि यह ज़ाइलम का जीवित घटक हैं. ये मृदूतकी, पतली कोशिका भित्ती वाली, अंडाकार या लम्बी कोशिकाएँ है, जो प्राथमिक और द्वितीयक ज़ाइलम दोनों में पायी जाती हैं. यह मुख्य रूप से स्टार्च और वसा को संग्रहीत करने में मदद करती है. यह मज्जा किरणों का गठन करती है, जो पानी का उसके परिधीय भागो में यानी अरीय संवहन करती है.

ज़ाइलम वाहिनिकाएँ (Tracheid)
ज़ाइलम वाहिनिकाएं (tracheid) पानी के परिवहन में मदद करती है. बिना पुष्प वाले पौधों में वाहिनिकाएँ (Tracheid) ही एक मात्र ऐसे ऊतक होते हैं, जो जल का परिवहन करते है. यह यांत्रिक सहारा (Mechanical Support) और लकड़ी का निर्माण भी करती है. वाहिनिकाएँ मृत कोशिकाएं होती हैं और इसकी भित्ति लिग्निन से बनी होती हैं. ये लम्बी, संकीर्ण गुहा, तथा नुकीले सिरों वाली कोशिकाएँ है. कोशिका भित्ति स्थूलन (thickening) वलयाकार (Annular), स्पाइरल (Spiral), स्कालारिफोर्म (Scalariform), जालिकावत (Reticulate), या गर्ती (Pitted) प्रकार का हो सकता है. गर्ती (Pitted) यानी इनमें गड्ढ़े पाये जाते हैं जिनके जरिए ही एक वाहिनिका से दूसरे वाहिनिका में पानी का परिवहन होता है.

ज़ाइलम वाहिकाएं (Xylem Vessels)
ज़ाइलम वाहिकाएं (Xylem Vessels) लम्बी, चौड़े सिरे वाली, तथा चौड़ी अवकाशिका वाली बेलनाकार तत्व हैं. ये मृत कोशिकाओं से मिलकर बनी होती हैं. ये पानी के संवहन में पाइप लाइन की तरह कार्य करती है. इनकी कोशिका भित्ति पर लिग्निन का जमाव होता हैं, और जमाव या स्थूलन (thickening) वलयाकार, स्पाइरल और जालीदार हो सकता है.

FAQs

पौधों में परिवहन क्या होता है?

पौधों में परिसंचरण या परिवहन (Transportation) का तात्पर्य जड़ द्वारा भूमि से अवशोषित जल एवं खनिज लवणों की पत्तियों तक पहुँचकर प्रकाश संश्लेषण हेतु विशिष्ट स्थिति उत्पन्न करना तथा पत्तियों में संश्लेषित कार्बनिक पदार्थ को अन्य अंगों तक पहुँचता है।

पौधों में जल एवं खनिज लवणों का परिवहन कैसे होता है?

पादप में जल और खनिज लवण का वहन जाइलम ऊतक द्वारा होता है। जड़, तना तथा पत्तों में उपस्थित वाहिनिकाएँ तथा वाहिकाएँ आपस में जुड़कर जल संवहन वाहिकाओं का एक जाल बनाती हैं जो पादप के सभी भागों से जुड़ा होता है।

पौधों में खनिज लवण का परिवहन कैसे होता है?

पादप में जल और खनिज लवण का वहन जाइलम वाहिनियों द्वारा होता है। परासरण के नियमानुसार मृदा के कणों के बीच उपस्थित खनिजों का जलीय घोल जड़ों के मूलरोमों में प्रवेश करता है और इसी प्रकार उच्च सांद्रण से निम्न सांद्रण की ओर बढ़ता हुआ जाइलम वाहिनियों में पहुँच जाता है ।

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