हिकिकोमोरी की उत्पत्ति और परिभाषा
हिकिकोमोरी शब्द 1990 के दशक में जापान में सामाजिक अलगाव की घटना का वर्णन करने के लिए गढ़ा गया था। हिकिकोमोरी एक नैदानिक निदान नहीं है बल्कि एक सामाजिक मुद्दा है जो उन व्यक्तियों को प्रभावित करता है जो सामाजिक चिंता, अवसाद, शैक्षणिक दबाव सहित विभिन्न कारणों से खुद को समाज से अलग करना चुनते हैं।
हिकिकोमोरी जापान में एक व्यापक मुद्दा है, अनुमानित 1.5 मिलियन कामकाजी उम्र के लोग अलगाव में रहते हैं। आमतौर पर, हिकिकोमोरी से पीड़ित लोग छह महीने या उससे अधिक समय के लिए समाज से अलग हो जाते हैं, जिसके सबसे आम कारण बेरोजगारी, अवसाद, शैक्षणिक दबाव और स्कूल या कार्यस्थल में डराना-धमकाना है।
हिकिकोमोरी के परिणाम महत्वपूर्ण और दूरगामी हैं। सामाजिक अलगाव रोजगार के अवसरों की कमी, वित्तीय कठिनाई और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों जैसे अवसाद और चिंता विकार का कारण बन सकता है। इसके अलावा, एक व्यक्ति जितना अधिक समय तक अलगाव में रहता है, उतना ही कठिन हो जाता है कि वह समाज में फिर से जुड़ जाए।
जापानी सरकार ने हिकिकोमोरी की गंभीरता को पहचाना है और इस मुद्दे के समाधान के लिए विभिन्न पहलों को लागू किया है। इनमें हिकिकोमोरी से प्रभावित व्यक्तियों और परिवारों के लिए परामर्श सेवाएँ, सहायता समूह और वित्तीय सहायता शामिल हैं।