नागालैंड आज जी-20 वार्तामंच के तहत पूर्वोत्तर में आयोजित चौथे और अंतिम बी-20 सत्र की मेजबानी कर रहा है। 27 देशों से करीब साठ प्रतिनिधि बैठक में हिस्सा ले रहे हैं। इनमें क्यूबा, आइसलैंड, जमैका और परागवे के राजदूत शामिल हैं। इसके अलावा एस्टोनिया से मिशन उपप्रमुख और कोस्टारिका तथा जर्मनी से दो काउंसिल जनरल बैठक में हिस्सा ले रहे हैं। जी-20 देशों से 24 राजनयिक, 39 विदेशी उद्योग और तीन राजनयिक भी बैठक में भाग ले रहे हैं।
कोहिमा के स्टेट बैंक्विट हॉल में बी-20 बैठक में प्रमुख संबोधन में केन्द्रीय विदेश और शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह ने कहा कि नागालैंड का सौंदर्य बेजोड़ है और यह पौराणिक राज्य है। उन्होंने कहा कि कोहिमा में बी-20 का आयोजन सौभाग्यशाली अवसर हैं।
नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो ने कहा कि भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र पिछले दो दशकों में विश्व के लिए खुला है और राज्य में बाहरी जगत के लिए व्यापार और सेवाओं के बेजोड़ अवसर उपलब्ध है। मुख्यमंत्री ने आश्वसन दिया कि राज्य सरकार निवेशकों के अनुकूल माहौल बनाने, बुनियादी सुविधाओं का प्रावधान करने और संस्थागत समर्थन प्रदान करने के लिए वचनबद्ध है।
डॉ. सिंह ने कहा कि बी-20 बैठक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भारत की जी-20 अध्यक्षता के लक्ष्य का परिणाम है। उन्होंने कहा कि इसे देश के प्रत्येक कोने में मनाया जाना चाहिए। मंत्री ने कहा कि भारत का पूर्वोत्तर दक्षिण पूर्व एशिया का प्रवेश द्वार है।
उन्होंने कहा कि भारत-म्यांमां-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग के पूरा होने पर नागालैंड का भू-संपर्क आसियान के मध्यवर्ती देशों और उससे बाहर के देशों से भी कायम होगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार बांग्लादेश के साथ अबाधित भूमि और रेल संपर्क स्थापित करने के लिए निरंतर काम कर रही है।