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Indian Space Policy 2023: केंद्र सरकार ने भारतीय अंतरिक्ष नीति को मंज़ूरी दी

भारत सरकार ने हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी को संस्थागत बनाने और सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से भारतीय अंतरिक्ष नीति (Indian Space Policy) 2023 को मंजूरी दी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संचालित कैबिनेट समिति द्वारा इस नीति की मंजूरी, भारत को एक प्रमुख अंतरिक्ष शक्ति में बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

नई नीति के तहत भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) उन्नत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों के अनुसंधान और विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा। अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी खिलाड़ियों की भागीदारी वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में भारत की वर्तमान हिस्सेदारी को 2% से बढ़ाकर भविष्य में 10% तक बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है।

न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (New Space India Limited – NSIL) अंतरिक्ष क्षेत्र से जुड़ी रणनीतिक गतिविधियों को अंजाम देगी। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के मुताबिक NSIL मांग आधारित मोड में काम करेगी। इसका मतलब है कि निजी खिलाड़ियों के पास रॉकेट, उपग्रह, लॉन्च वाहन, डेटा संग्रह और प्रसार सहित एंड-टू-एंड अंतरिक्ष गतिविधियों तक पहुंच होगी।

भारतीय आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, 2012 से भारत में 100 से अधिक सक्रिय अंतरिक्ष कंपनियां काम कर रही हैं। एलोन मस्क के नेतृत्व वाली स्पेसएक्स जैसी निजी क्षेत्र की कंपनियां दुनिया भर में अंतरिक्ष मिशनों के लिए एक लोकप्रिय विकल्प बन गई हैं।

 भारतीय अंतरिक्ष नीति 2023 को भारत सरकार की मंजूरी से और अधिक निजी क्षेत्र की कंपनियों को अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए प्रोत्साहित करने की उम्मीद है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संचालित कैबिनेट समिति द्वारा इस नीति की मंजूरी, भारत को एक प्रमुख अंतरिक्ष शक्ति में बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

नई नीति के तहत भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) उन्नत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों के अनुसंधान और विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा। अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी खिलाड़ियों की भागीदारी वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में भारत की वर्तमान हिस्सेदारी को 2% से बढ़ाकर भविष्य में 10% तक बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है।

न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (New Space India Limited – NSIL) अंतरिक्ष क्षेत्र से जुड़ी रणनीतिक गतिविधियों को अंजाम देगी। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के मुताबिक NSIL मांग आधारित मोड में काम करेगी। इसका मतलब है कि निजी खिलाड़ियों के पास रॉकेट, उपग्रह, लॉन्च वाहन, डेटा संग्रह और प्रसार सहित एंड-टू-एंड अंतरिक्ष गतिविधियों तक पहुंच होगी।

भारतीय आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, 2012 से भारत में 100 से अधिक सक्रिय अंतरिक्ष कंपनियां काम कर रही हैं। एलोन मस्क के नेतृत्व वाली स्पेसएक्स जैसी निजी क्षेत्र की कंपनियां दुनिया भर में अंतरिक्ष मिशनों के लिए एक लोकप्रिय विकल्प बन गई हैं।

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