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स्काई रूट एयरोस्पेस स्टार्टअप ने 3D प्रिंटेड क्रायोजेनिक इंजन का सफल परीक्षण किया

देश का पहला प्राइवेट रॉकेट लॉन्च करने वाली कंपनी Skyroot Aerospace ने थ्री-डी प्रिंटेड क्रायोजेनिक रॉकेट इंजन धवन-2 का लॉन्ग ड्यूरेशन फायर एंड्योरेंस टेस्ट पूरा किया. टेस्ट सफल था. इस इंजन को 200 सेकेंड तक चलाया गया. रॉकेट का नाम भारत के प्रसिद्ध स्पेस साइंटिस्ट डॉ. सतीश धवन के नाम पर है.

पहले निजी रॉकेट को लॉन्च करने वाली कंपनी Skyroot Aerospace ने एक और सफलता हासिल की है. उनका 3D प्रिंटेड क्रायोजेनिक इंजन 200 सेकेंड तक फायर किया गया. पहले स्काईरूट ने धवन-1 इंजन बनाया था. यह 1 किलोन्यूटन का था. इसकी टेस्टिंग नवंबर 2021 में की गई थी.

पिछले साल नवंबर में इसी धवन-1 रॉकेट की मदद से Vikram-S रॉकेट की लॉन्चिंग की गई थी. जो देश का पहला निजी रॉकेट था. धवन-2 इंजन की टेस्टिंग महाराष्ट्र के नागपुर स्थित सोलार इंडस्ट्रीज के प्रोपल्शन टेस्ट फैसिलिटी में की गई.

इसे टेस्ट का नाम है लॉन्ग-ड्यूरेशन फायर एंड्योरेंस टेस्ट. इस इंजन की क्षमता 3.5 किलोन्यूटन है.

धवन-1 इंजन की मदद से विक्रम-एस रॉकेट करीब 100 किलोमीटर की ऊंचाई तक गया था. उम्मीद है कि 3.5 किलोन्यूटन वाले धवन-2 इंजन से अगला रॉकेट धरती लोअर अर्थ ऑर्बिट तक पहुंच जाएगा. स्काईरूट कंपनी कई मामलों में First है.

– पहली बार देश में 3D प्रिंटेड क्रायोजेनिक बनाया है.
– पहली बार LNG के इस्तेमाल से रॉकेट उड़ाया गया.
– पहली बार किसी निजी कंपनी के रॉकेट ने उड़ान भरी.

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