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NGI ने रामसर स्थलों की सुरक्षा में विफल पर केरल राज्य पर 10 करोड़ का जुर्माना लगाय है

दिल्ली में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की प्रिंसिपल बेंच ने केरल सरकार पर 10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। कारवाई रामसर साइटों के रूप में सूचीबद्ध वेम्बनाड और अष्टमुडी झीलों के अंधाधुंध प्रदूषण की जांच करने में विफल रहने के लिए लगाया गया है।

आदर्श कुमार गोयल के नेतृत्व में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की बेंच ने 22 मार्च के आदेश में  उल्लेख किया कि ‘प्रदूषक भुगतान सिद्धांत’ के आधार पर लगाया जुर्माना मुख्य सचिव के अधिकार के तहत संचालित होने वाले रिंग-फेंस खाते में जमा करना था।

  • अवैध कचरा डंपिंग से प्रभावित वेम्बनाड और अष्टमुडी झीलों की सुरक्षा के लिए वैधानिक और प्रशासनिक अधिकारियों की विफलता का आरोप लगाने वाली याचिका का निपटारा कर एक महीने के भीतर जुर्माना जमा करना था।
  • छह महीने में अधिमानतः क्रियान्वित की जाने वाली कार्य योजना तैयार करसंरक्षण/पुनर्स्थापना उपायों के लिए 10 करोड़ के जुर्माने का उपयोग करना था।
  • मुख्य सचिव दोषी अधिकारियों/विभागों/उद्योगों/व्यक्तियों से कानून अनुसार राशि एकत्र कर दोषियों को विभागीय या अभियोजन के माध्यम से जवाबदेह ठहराने और अन्य संस्थाओं पर  तीन महीने के भीतर कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होंगे।
  • संबंधित स्थानीय निकायों द्वारा फ्लैटों, प्रतिष्ठानों, होटलों, रिसॉर्ट्स, हाउसबोट्स और औद्योगिक इकाइयों के मालिकों को अनुपचारित अपशिष्ट जल को जल निकायों में डंप करने के लिए 1,176 नोटिस जारी किए थे।
  • झीलों की ओर जाने वाली नहरों/नालों में कुल 1,939 अवैध आउटलेट बंद किए थे।
  • उल्लंघन करने वालों पर कुल 1.7 करोड़ का मुआवजा लगाया था।
  • खंडपीठ ने कर्तव्यों की निरंतर उपेक्षा के लिए कोच्चि निगम पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
  • कोच्चि कॉर्पोरेशन की लापरवाही के कारण 2 मार्च को एक बड़ी आग के बाद ब्रह्मपुरम में उसके डंप साइट पर संकट पैदा हो गया है।

केरल के बारे में

मुख्यमंत्री-Pinarayi Vijayan

राजधानी-Thiruvananthapuram

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के बारे में-

स्थापित- अक्टूबर, 2010

मुख्यालय- नई दिल्ली, भारत

अध्यक्ष- न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल

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आदर्श कुमार गोयल के नेतृत्व में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की बेंच ने 22 मार्च के आदेश में  उल्लेख किया कि ‘प्रदूषक भुगतान सिद्धांत’ के आधार पर लगाया जुर्माना मुख्य सचिव के अधिकार के तहत संचालित होने वाले रिंग-फेंस खाते में जमा करना था।

  • अवैध कचरा डंपिंग से प्रभावित वेम्बनाड और अष्टमुडी झीलों की सुरक्षा के लिए वैधानिक और प्रशासनिक अधिकारियों की विफलता का आरोप लगाने वाली याचिका का निपटारा कर एक महीने के भीतर जुर्माना जमा करना था।
  • छह महीने में अधिमानतः क्रियान्वित की जाने वाली कार्य योजना तैयार करसंरक्षण/पुनर्स्थापना उपायों के लिए 10 करोड़ के जुर्माने का उपयोग करना था।
  • मुख्य सचिव दोषी अधिकारियों/विभागों/उद्योगों/व्यक्तियों से कानून अनुसार राशि एकत्र कर दोषियों को विभागीय या अभियोजन के माध्यम से जवाबदेह ठहराने और अन्य संस्थाओं पर  तीन महीने के भीतर कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होंगे।
  • संबंधित स्थानीय निकायों द्वारा फ्लैटों, प्रतिष्ठानों, होटलों, रिसॉर्ट्स, हाउसबोट्स और औद्योगिक इकाइयों के मालिकों को अनुपचारित अपशिष्ट जल को जल निकायों में डंप करने के लिए 1,176 नोटिस जारी किए थे।
  • झीलों की ओर जाने वाली नहरों/नालों में कुल 1,939 अवैध आउटलेट बंद किए थे।
  • उल्लंघन करने वालों पर कुल 1.7 करोड़ का मुआवजा लगाया था।
  • खंडपीठ ने कर्तव्यों की निरंतर उपेक्षा के लिए कोच्चि निगम पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
  • कोच्चि कॉर्पोरेशन की लापरवाही के कारण 2 मार्च को एक बड़ी आग के बाद ब्रह्मपुरम में उसके डंप साइट पर संकट पैदा हो गया है।

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