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नासा (NASA) सोलर डायनामिक्स ऑब्जेक्ट्री ने सूर्य पर कोरोनल हॉल की खोज की है

नासा ने सूरज के सतह पर बड़े कोरोनल होल का पता लगाया इस छेद से निकल रहे आवेशित कण, धरती से टकरा सकते हैं धरती के वायुमंडल की तरंगों पर पड़ेगा असर.

अंतरिक्ष के मौसम पर नजर रखने वाले वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि सूरज के सतह पर हो रहे बदलाव के कारण पृथ्वी से बड़ा सौर तूफान टकरा सकता है। उन्होंने कहा कि सूर्य के सतह यानी कोरोना पर एक छेद देखा गया है।

इस छेद से लगातार आवेशित कणों की बौछार हो रही है। इन कणों के इस हफ्ते के अंत में पृथ्वी के वायुमंडल से टकराने की संभावना है।

नासा के सोलर डायनेमिक ऑब्जर्वेटरी (एसडीओ) ने सूर्य के बाहरी वातावरण कोरोना में एक बड़े “कोरोनल होल” का पता लगाया है। सूरज के दक्षिणी क्षेत्र में खुले इस होल से आवेशित कणों की एक धारा निकल रही है।

 सौर तूफानों ने दिखाया है कि सोलर एक्टिविटी सूर्य से भी ज्यादा प्रभावित कर सकती है। जब यह पृथ्वी पर पहुंचता है, तो सोलर आउटब्रस्ट के कारण स्पेस वेदर नाम की घटनाओं की एक सीरीज पैदा करता है। इससे न केवल हमारी सैटेलाइट्स प्रभावित होती हैं, बल्कि ध्रुवीय इलाकों में रात के समय सुंदर अरौरा भी देखने को मिलता है।

औरोरा तब प्रकट होता है जब पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र चैनल के इलेक्ट्रिकली चार्ज्ड सोलर पॉर्टिकल्स ध्रुवों की ओर जाते हैं। यहां ये कण पृथ्वी के वायुमंडल के साथ परस्पर क्रिया करते हैं। इससे चमकीले हरे रंग की रिबन जैसी रोशनी पैदा होती है। जब सोलर फ्लेयर ऐसे कणों को बड़ी संख्या में पृथ्वी के वायुमंडल की ओर भेजते हैं तो यह रोशनी आसमान में दिखाई देती है।

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