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एशिया के सबसे बड़े 4-मीटर टेलीस्कोप का उत्तराखंड में उद्घाटन किया गया

एशिया का सबसे बड़ा 4-मीटर इंटरनेशनल लिक्विड मिरर टेलीस्कोप 21 मार्च को उत्तराखंड के देवस्थल में लॉन्च किया गया।

  • टेलीस्कोप का आधिकारिक उद्घाटन विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने किया।

  • उत्तराखंड के नैनीताल स्थित आर्यभट्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ऑब्जरवेशनल साइंसेस (ARIES) में स्थापित किया गया है।

  • वेधशाला गहरे आकाश का पता लगाएगी, क्षुद्रग्रहों से लेकर सुपरनोवा और अंतरिक्ष मलबे तक की वस्तुओं का वर्गीकरण करेगी।

  • इसमें प्रकाश को इकट्ठा करने के लिए तरल पारे की एक पतली परत से बना 4-मीटर-व्यास का घूमने वाला दर्पण होता है।

  • इसमें मुख्य रूप से तीन घटक होते हैं।

  • पहला कटोरा जिसमें एक परावर्तक तरल धातु (पारा) होता है.

  • दूसरा हवा के दबाव से चलने वाली मोटर जिस पर तरल दर्पण टिका होता है।

  • तीसरा मोटर को चलाने का एक सिस्टम होता है। घूमते समय तरल दर्पण दूरबीन की सतह स्वाभाविक रूप से एक पर्वलायिक आकार लेती है, जो प्रकाश को केंद्रित करने के लिए आदर्श होता है।

  • एक पतली पारदर्शी फिल्म माइलर तरल पारे को हवा के घर्षण से बचाती है, जो पारे की सतह पर तरंगे बना सकता है।

  • परावर्तित प्रकाश एक परिष्कृत बहुलेंस ऑप्टिकल सुधारक के माध्यम से गुजरता है जो विस्तृत दृश्य क्षेत्र में स्पष्ट छवियां बनाता है।

  • इसे रात में आकाश का सर्वेक्षण करने और सुपरनोवा, अंतरिक्ष मलबे और गुरुत्वाकर्षण लेंस जैसे परिवर्तनीय और क्षणिक वस्तुओं का पता लगाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

  • टेलीस्कोप अपने डेटा के जरिए मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर आकाश में मौजूद वस्तुओं का विश्लेषण कर सकता है

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  • टेलीस्कोप का आधिकारिक उद्घाटन विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने किया।

  • उत्तराखंड के नैनीताल स्थित आर्यभट्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ऑब्जरवेशनल साइंसेस (ARIES) में स्थापित किया गया है।

  • वेधशाला गहरे आकाश का पता लगाएगी, क्षुद्रग्रहों से लेकर सुपरनोवा और अंतरिक्ष मलबे तक की वस्तुओं का वर्गीकरण करेगी।

  • इसमें प्रकाश को इकट्ठा करने के लिए तरल पारे की एक पतली परत से बना 4-मीटर-व्यास का घूमने वाला दर्पण होता है।

  • इसमें मुख्य रूप से तीन घटक होते हैं।

  • पहला कटोरा जिसमें एक परावर्तक तरल धातु (पारा) होता है.

  • दूसरा हवा के दबाव से चलने वाली मोटर जिस पर तरल दर्पण टिका होता है।

  • तीसरा मोटर को चलाने का एक सिस्टम होता है। घूमते समय तरल दर्पण दूरबीन की सतह स्वाभाविक रूप से एक पर्वलायिक आकार लेती है, जो प्रकाश को केंद्रित करने के लिए आदर्श होता है।

  • एक पतली पारदर्शी फिल्म माइलर तरल पारे को हवा के घर्षण से बचाती है, जो पारे की सतह पर तरंगे बना सकता है।

  • परावर्तित प्रकाश एक परिष्कृत बहुलेंस ऑप्टिकल सुधारक के माध्यम से गुजरता है जो विस्तृत दृश्य क्षेत्र में स्पष्ट छवियां बनाता है।

  • इसे रात में आकाश का सर्वेक्षण करने और सुपरनोवा, अंतरिक्ष मलबे और गुरुत्वाकर्षण लेंस जैसे परिवर्तनीय और क्षणिक वस्तुओं का पता लगाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

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