बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध
बेटी बचाओ, बेटी बढ़ाओ यह भारत सरकार की एक निजी पहल है जिसका मुख्य उद्देश्य बेटियों के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करना और बेटियों के लिए कल्याणकारी सेवाओं का प्रारम्भ करना।
प्रस्तावना:
जब से इस पृथ्वी का निर्माण हुआ है, तब से इस पृथ्वी को सुचारू रूप से चलाने के लिए प्रत्येक जीव-जंतु में नर व मादा का जन्म हुआ है। किसी भी जीव को अपनी जनसंख्याबढ़ाने के लिए नर व मादा की आवश्यकता होती है। जहाँ सभी जीवों में नर व मादा समान होते है।
लेकिन सभी जीवों में मनुष्य एकमात्र प्राणी है, जिसमें महिला व पुरुषों के अधिकार समान नही है। हमारे समाज में महिलाओं को वह अधिकार प्राप्त नही है, जो अधिकार पुरुषों को प्राप्त है।
किसी भी देश या समाज का विकास तभी संभव है, जब उसमें प्रत्येक पक्ष का विकास हो। जब समाज का प्रत्येक वर्ग चाहे व पुरुष हो अथवा महिला, समान विकास करेंगे तो ही यह समाज आगे बढ़ पाएगा।
अभियान का मुख्य उद्देश्य:-
इस योजना द्वारा भारत सरकार का उद्देश्य कन्या की सुरक्षा के साथ-साथ उसकी शिक्षा पर भी बल देना है। इसके माध्यम से भारत सरकार बालिकाओं की सुरक्षा व शिक्षा दोनों को सुरक्षित करना चाहती है। बालिकाओं को शोषण से बचाना व उन्हें अपने अधिकारों के प्रति शिक्षित करना है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि महिलाओं को सामाजिक व वित्तीय दोनों प्रकार से आत्मनिर्भर बनाना है।
महिलाओं की स्थिति:-
- भारत में आदिकाल से ही महिलाओं का सम्मान किया जाता था, लेकिन विदेशी आक्रमणकारियों के कारण भारत में महिलाओं की स्थिति काफी खराब हो गई।
- भारत में सन 2001 में 1000 पुरुषों पर 927 महिलाएं ही बची हुई थी, लेकिन सन 2010 में यह अनुपात घटकर 918 ही रह गया। इसका प्रमुख कारण भारत में महिलाओं की स्थिति थी।
- उस समय भारत में महिलाओं की स्थिति कुछ खास नही थी। भारत में महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले काफी कम अधिकार प्राप्त थे।
- महिलाओ को सिर्फ घर के कार्य करने व घर संभालने के लायक समझा जाता था। उन पर घरेलू हिंसा आम बात थी। महिलाओं की शादी के समय उनके परिवार से बहुत अधिक दहेज़ लिया जाता था।
- महिलाओं को घर से बाहर काम नही करने दिया जाता था। इस दौरान भारत में बहुत बडी मात्रा में भ्रूण हत्या होने लगी, जिससे महिलाओं की संख्या में काफी कमी आई।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान:-
- महिलाओं की बढ़ती ख़राब स्थिति को देखते हुए भारत सरकार द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरूआत की गई थी।
- भारत में कन्या शिशु दर में होने वाली गिरावट को कम करने के लिए व कन्याओं के भविष्य को सुरक्षित व उज्जवल बनाने के लिए इस अभियान की शुरुआत की गई थी।
- इसके साथ ही इस अभियान से महिला सशक्तिकरण को भी बहुत बल मिलता है। इस योजना के प्रथम चरण में भारत सरकार द्वारा PC तथा PNDT एक्ट लागू किए गए।
- इसके साथ कन्या भ्रूण हत्या के प्रति राष्ट्रव्यापी जागरूकता और प्रचार अभियान चलाना जैसे कार्य किये जा रहे है। इसमें भारत के 100 जिलों को चुना गया, जहाँ महिलाओं का लिंगानुपात काफी कम है।
- इन जिलों में लोगों को संवेदनशील और जागरूक बनाना तथा सामुदायिक एकजुटता के साथ-साथ सभी को प्रशिक्षण देना है। इसके माध्यम से भारत सरकार लोगों की मानसिकता में बदलाव लाने की कोशिश कर रही है।
बेटी को पढ़ना क्यों जरूरी है
बेटियां भविष्य की मां है और एक मां शिक्षित होगी तभी भविष्य भी शिक्षित होगा। समाज राष्ट्र के उत्थान के लिए भी बेटियों का शिक्षित होना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि बेटियां अब विभिन्न तकनीकी एवं कंप्यूटरीकृत युग के साथ साथ सेना में भी शीर्ष पदों पर आसीन हो रही है। ये जागरूकता एवं पढ़ाई के कारण ही संभव हुआ है।
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उपसंहार:-
आज भी महिलाओं को पुरुषों से कम ही अधिकार दिए जाते है। यदि एक समाज को तरक़्क़ी करनी है, तो महिलाओं व पुरुषों को समान अधिकार देने होंगे। इस योजना ने भारत में महिलाओं की स्थिति को काफी हद तक सुधारा है। आज महिलाएं प्रत्येक क्षेत्र में पुरुषों की बराबरी कर रही है।
इस योजना के अंतर्गत बालिकाओं को शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाती है, ताकि उन्हें शिक्षा में कोई परेशानी का सामना न करना पड़े। भारत सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा व भ्रूण हत्या करने वालो के लिए भी कठोर दंड का प्रावधान रखा है। पिछले कुछ समय से भारत के वह क्षेत्र भी जहाँ महिलाओं की स्थिति काफी खराब थी, वहाँ भी अब सुधार होने लगा है।
जल्दी ही महिलाएं भी देश का नाम रोशन करेगी व भारत भी विश्व में एक शक्तिशाली देश बनकर उभरेगा।