सुकमा जिला भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के दक्षिण पश्चिमी कोने में स्थित है। यह जिला 2012 में छत्तीसगढ़ राज्य के नवनिर्मित 27 जिलों में से एक है। जिले का मुख्यालय चंदनपुर है। सुकमा जिले की कुल जनसंख्या लगभग 2,83,000 है जो कि आदिवासी जनजाति समुदायों से मिलकर बनी है। जिले का क्षेत्रफल लगभग 5639 वर्ग किलोमीटर है। सुकमा जिला अपनी प्राकृतिक खूबसूरती, ऐतिहासिक स्थलों, खनिज संसाधनों और पर्यटन स्थलों के लिए जाना जाता है।
सुकमा जिला छत्तीसगढ़ राज्य के कुछ अत्यंत पिछड़े क्षेत्रों में से एक है जहां आदिवासी जनजातियों के जीवन का एक बड़ा हिस्सा है। जिले में नागावंशी, मरिया, धुरुवा, गोंड और हल्बी आदि जनजातियां रहती हैं। यहां लोग संस्कृति, परंपराओं, भाषाओं और खान-पान के माध्यम से एक अलग दुनिया में जीवन व्यतीत करते हैं।
जिले में कई प्रमुख धर्मांतर एवं पौराणिक स्थल हैं जो पर्यटकों के आकर्षण के लिए हैं। जैसे कि दंतेश्वर मंदिर, मार्कंडेय देव मंदिर, विश्रामघाट और गुरुडूम एवं श्री श्याम मंदिर।
इसके अलावा, सुकमा जिला खनिज संसाधनों के लिए भी जाना जाता है। यहां बॉक्साइट, आयरन ओरे, कोयला, मंगनीज एवं लाइमस्टोन जैसे विभिन्न प्रकार के खनिज मिलते हैं।
सुकमा का इतिहास
सुकमा का इतिहास बहुत पुराना है। यहां प्राचीन काल में नागवंशी, मरिया, धुरुवा, गोंड और हलबी आदि जनजातियां रहती थीं। सुकमा जिले का नाम स्थानीय नागावंशी राजा सुक्का देव से जुड़ा है।
इस जिले का प्राचीन इतिहास लगभग 2000 साल पुराना है। सुकमा का नाम उस समय सुक्का विहार के नाम पर रखा गया था जो अपने समय में एक प्रसिद्ध बौद्ध विहार था। इसके अलावा, वेदों एवं पुराणों में भी सुकमा का जिक्र मिलता है।
इस जिले का इतिहास भी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ा हुआ है। यहां भी स्वतंत्रता संग्राम के समय बहुत सारे वीर और शहीद निकले थे। सुकमा जिला आज भी एक आदिवासी बस्ती है जहां आदिवासी संस्कृति एवं परंपराएं बहुत महत्वपूर्ण हैं।
सुकमा का पर्यटन स्थल
सुकमा जिला छत्तीसगढ़ राज्य के पूर्वी क्षेत्र में स्थित है जो प्राकृतिक सौंदर्य एवं ऐतिहासिक स्थलों के लिए जाना जाता है। इस जिले में कुछ प्रमुख पर्यटन स्थल हैं जैसे:
- खंडवा के गुफाएँ: यह एक प्राचीन बौद्ध विहार है जो नागवंशी काल से लगभग 2000 साल पुराना है। इस विहार में कई छोटी-छोटी गुफाएं हैं जो बौद्ध धर्म के संबंध में जानकारी प्रदान करती हैं।
- कुंडलीनी शक्ति पीठ: यह एक प्रसिद्ध हिंदू धार्मिक स्थल है जो माँ कुंडलिनी के शक्तिपीठ के रूप में जाना जाता है। यहां आप प्राकृतिक सौंदर्य का भी आनंद ले सकते हैं।
- दनतेरस टेम्पल: यह भी एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है जो रायपुर से 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर में भगवान शिव की मूर्ति है जिसे देश के अनेक भक्त आस्था करते हैं।
- बैरम घाटी: यह एक छोटा सा दर्रा है जो आदिवासी क्षेत्र में स्थित है।
सुकमा जिला छत्तीसगढ़ राज्य का एक प्रमुख जिला है जो प्राकृतिक सौंदर्य से भरा हुआ है। इस जिले में कई पर्यटन स्थल हैं जैसे कि भुड़ा तलाब, कांधान तलाब, डबरा पार्क, डोंगरगढ़ी, शिवपुरी मंदिर, माँ धंगडी मंदिर, बुदेसार बाबा मंदिर, एवं अमृत धारा फॉल्स आदि। यहाँ के वन्यजीव और जलवायु इस जिले के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। सुकमा जिला टाइगर रिज़र्व और आदिवासी जीवनशैली के लिए भी प्रसिद्ध है।
सुकमा के खनिज संसाधन
सुकमा जिले में कुछ मुख्य खनिज संसाधन हैं जो उद्योगों और विभिन्न उपयोगों के लिए उपलब्ध हैं। इनमें मुख्य रूप से बॉक्साइट, जस्त, बैराइट, लाइमस्टोन, डोलोमाइट, कोयला, तांबा, सोना और अन्य खनिज सामग्री शामिल हैं।
जस्त एक मुख्य खनिज है जो सुकमा जिले में उपलब्ध है। इसके अलावा, बॉक्साइट एक अन्य महत्वपूर्ण खनिज है जो सुकमा जिले में उपलब्ध है। यह उद्योगों के लिए एक मुख्य सामग्री है जो अल्युमीनियम के निर्माण में उपयोग की जाती है।
सुकमा जिले में बैराइट, लाइमस्टोन, डोलोमाइट और कोयले का उत्पादन भी होता है। यह सभी उद्योगों के लिए उपयोगी हैं, जैसे इंजीनियरिंग, सिमेंट उत्पादन, स्टील उद्योग, भूमि संरचना और अन्य संबंधित क्षेत्रों में उपयोग किए जाते हैं।
इसके अलावा, सुकमा जिले में तांबा और सोने का भी उत्पादन होता है। तांबा अधिकतर लोगों द्वारा उपयोग किया जात